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Muhammad Yunus spoke to Rahul : अगर हम गरीब की मदद करें तो अर्थव्यवस्था को आगे ले जा सकते हैं

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic) और लॉकडाउन ( Lockdown ) का देश की अर्थव्यवस्था ( Corona impact on Indian Econimy ) पर बुरा असर पड़ा है। अर्थव्यवस्था की गति कमजोर पड़ गई है। दुनियाभर के जानकारों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इस बीच फिर से अर्थव्यवस्था कैसे सुधरे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लाया जाए, के मुद्दों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Congress Leader Rahul Gandhi ) शुक्रवार को बांग्लादेश के एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस ( Nobel laureate Muhammad Yunus ) से बातचीत की।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस से कोरोना संकट ( Coronavirus Crisis ) के कारण अर्थव्यवस्था, बैंकिंग क्षेत्र और आम लोगों के जीवन पर असर पर मंथन कर रहे हैं।

नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस ने राहुल गांधी के सवालों के जवाब में कहा कि कोरोना वायरस संकट ने समाज की कुरीतियों को उजागर कर दिया है। गरीब, प्रवासी मजदूर हम सब के बीच ही मौजूद हैं लेकिन कोरोना ने इन्हें सामने ला दिया है। इन्हें इन्फॉर्मल सेक्टर का हिस्सा माना जाता है, जो अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं।

अगर हम उनकी मदद करें तो अर्थव्यवस्था को आगे ले जा सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं।

अगर दक्षिण एशिया देशों में महिलाओं की बात की जाए तो उन्हें समाज में निचला दर्जा दिया गया। भारत में भी कमोवेश यही हालात हैं। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में उन्हें कोई पूछता ही नहीं। लेकिन महिलाओं ने समय-समय पर खुद को साबित किया है उनमें भी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की क्षमता है।

कौन हैं मोहम्मद यूनूस

बता दें कि मोहम्मद यूनुस को 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। मोहम्मद युनूस को बांग्लादेश में गरीबों का मददगार माना जाता है। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक को लेकर उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में क्रांति पैदा की जिसके जरिए गरीब लोगों को बिना किसी तरह की जमानत के कर्ज देने की शुरुआत हुई।



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