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पहले जैसे नहीं खुलेंगे Salon, बदल जाएगा पूरा नजारा, शील्ड मास्क व PPI Kit पहनकर ही दी जाएगी सर्विसेज, जानिए नई गाइडलाइन

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus in India) महामारी (Epidemic) के चलते हुए लॉकडाउन (Lockdown) के बीच शहर को मिली आंशिक अनुमति के बीच अब व्यवसाइयों के काम काज के तौर तरीकों में बदलाव आया है। शहर के कंटेन्मेंट क्षेत्रों को छोड़कर अन्य इलाकों में व्यवसाय शुरू होने से रौनक है, तो ऐसे में शहर के सैलून (salon in Lockdown) भी खुलने की बात सामने आ रही है। हालांकि सैलून (salon Open) खुलने के बाद का नजारा अब बिल्कुल अलग ही नजर आएगा। सैलून (salon Guidlines) में सरकार (Government) द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए ही काम किया जाएगा। कर्मचारियों के लिए पीपीई किट (PPI Kit), दस्ताने, फेस शील्ड अनिवार्य करने के साथ ही ग्राहकों के लिए मास्क, सेनेटाइजेशन और तापमान की जांच अनिवार्य की गई है।

कुछ इस तरह से दिखेगा सैलून

सैलून की निदेशक विकास सिंह ने बताया कि कोरोना से पूर्ण रूप से सावधानी बरतते हुए सैलून का स्टाफ अपनी सेवाएं देने को तैयार है। सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग कुर्सियां लगाने के साथ ही दो कुर्सियों के बीच प्लास्टिक शीट लगाया गया है। एक समय में अधिकतम चार ग्राहकों की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए ही अपॉइंटमेंट दिया जा रहा है। विकास ने बताया कि सैलून के अंदर प्रवेश से पहले पूरा सेनेटाइज किया जाता है। उसके बाद ही कोई अंदर आ सकता है।

ये होगी खास बात

खास बात यह होगी कि हर नए ग्राहक के आने पर चेयर पर हर बार नया डिस्पोजल टॉवेल बिछाया जा रहा है, और हर एक घंटे में पूरे सैलून को हाइपोक्लोराइट से सेनेटाइज किया जा रहा है। कोरोना से किसी भी तरह का संक्रमण नहीं फैले इसका खास ख्याल रखा जाएगा। साथ ही बिना मास्क पहने किसी भी ग्राहक का सैलून में प्रवेश निषेध होगा। हर एक ग्राहक के नाम, पते की पूरी जानकारी को भी नोट किया जाएगा।

एक वक्त में 4 लोग ही अटेंड होंगे

इसके साथ ही कस्टमर की एंट्री अपॉइंटमेंट के जरिए होगी। एक वक्त में 4 लोग ही अटेंड किए जाएंगे। नो कांटेक्ट के फार्मूले को अपनाते हुए हर दो कुर्सी के बीच प्लास्टिक का पर्दा भी लगाया जाएगा। टूल्स को सैनिटाइज करके ही दूसरे कस्टमर का हेयर कट किया जा रहा है।

दिल्ली में करीब 25 हजार नाई की दुकान

आजाद बारबर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद इमरान सलमानी के मुताबिक दिल्ली में करीब 25 हजार नाई की दुकान हैं। जहां सेनेटाइजर का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। सभी को एक बार प्रयोग होने वाले रेजर, तौलिये व कटिंग सीट का प्रयोग करने का निर्देश दिया गया है। कर्मियों के लिए दस्ताने, फेस मास्क, और संभव हो तो पीपीई किट पहनने को कहा गया है। संक्रमण को लेकर पूरी सावधानी और एहतियात के साथ काम किया जा रहा है।

सैलून से सबसे ज्यादा खतरा

गौरतलब है कि दिल्ली व मुंबई में कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिला है। दोनों मेट्रो सिटी में सैलूनों में काम करने वाले 70 प्रतिशत से अधिक कर्मी प्रवासी होते हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार व उत्तराखंड के कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है। कोरोना संक्रमण में सैलूनों पर सबसे पहले प्रतिबंध लगाने का मकसद यही था कि यहां सबसे तेज संक्रमण फैलने का खतरा होता है, लेकिन हाल के मामलों ने चौकाया है कि सैलून बंद होने के बाद भी यहीं के कर्मी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि इसके पीछे माना जा रहा है कि सैलून बंद होने के बाद भी होम सर्विस दी गई जिसमें कई कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आ गए।



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