पूर्ण बहुमत न मिला, तो कौन-कौन से दल देंगे मोदी का साथ?

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 ( Lok Sabha Election ) का मतदान कुल सात चरणों में होना था, जिनमें से पांच चरण हो चुके हैं और दो शेष हैं। भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही दलों के कुछ नेता यह मानकर चल रहे हैं कि उन्हें संसद में पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा। ऐसे नेताओं में कपिल सिब्बल और सुब्रमण्यम स्वामी जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। ऐसे में अब यह सवाल उठ खड़ा होता है कि पूर्ण बहुमत नहीं मिला, तो कौन-कौन से दल नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम बनाने के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं?
भाजपा सबसे बड़ा दल बनकर उभरेगी, इस पर सब एकमत
लोकसभा चुनावों में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की बात पर ज्यादातर नेता एकमत हैं। ठीक इसी तरह ज्यादातर नेता और राजनीतिक विशेषज्ञ यह भी स्वीकार कर रहे हैं कि चुनाव परिणाम के बाद मोदी के नेतृत्व में भाजपा संसद में सबसे बड़ा दल बनकर उभर सकती है। उस स्थिति में उसे सरकार बनाने के लिए एनडीए के घटक दलों के साथ-साथ गैर-एनडीए दलों के समर्थन की भी जरूरत पड़ेगी।
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कौन-कौन से दल हैं भाजपा के साथ
एडीए के प्रमुख बड़े दल, जो भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हैं –शिवसेना, जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी, अकाली दल, अपना दल (एस), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और एआईएडीएमके। ये दल एनडीए के बैनर तले लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए इनका समर्थन तो भाजपा नेता को मिलना तय ही है।
कुछ पार्टियां भाजपा और कांग्रेस दोनों से दूर
इनके अलावा कुछ ऐसे भी राजनीतिक दल हैं, जिन्होंने मोदी को समर्थन देने की बात नहीं कही, लेकिन जो कांग्रेस के साथ भी नहीं हैं। इनमें सबसे बड़ा दल है बीजू जनता दल। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भी अभी तक कांग्रेस और भाजपा से बराबर की दूरी बनाई हुई है। जरूरत पड़ने पर मोदी की टीम इन दोनों दलों को भी संपर्क कर सकती है।
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मोदी की नजर वाईएसआर कांग्रेस पर भी
इनके अलावा आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी भी भाजपा के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं। दरअसल उम्मीद जताई जा रही है कि रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनावों में काफी सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस के साथ रेड्डी के संबंध बहुत मधुर नहीं है। ऐसे में अगर मोदी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की रेड्डी की मांग को स्वीकार कर लें, तो वाईएसआर कांग्रेस भी मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए एनडीए के साथ हाथ मिला सकती है।
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