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सचिन तेंदुलकर को हितों के टकराव मामले में बड़ी राहत, BCCI लोकपाल ने खारिज किए सभी आरोप

मुंबई। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को हितों के टकराव मामले में बड़ी राहत मिल गई है। दरअसल, बीसीसीआई के लोकपाल और पूर्व जस्टिस डीके जैन ने सोमवार को सचिन तेंदुलकर पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। सचिन पर चल रहा ये मामला अब खत्म हो गया है।

सीएसी के सदस्य के रूप में काम नहीं करेंगे सचिन!

डीके जैन ने कहा है कि इस दिग्गज क्रिकेटर ने सहमति योग्य ‘कार्यक्षेत्र की शर्तें’ उपलब्ध नहीं कराने की दिशा में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएससी) का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया है। डीके जैन ने अपने दो पेज के फैसले में आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सचिन तेंदुलकर ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी कि वह सीएसी के सदस्य के रूप में काम नहीं करेंगे जिसके बाद यह मामला खत्म कर दिया गया।

क्या कहा डीके जैन ने अपने फैसले में ?

डीके जैन ने अपने फैसले में कहा, ‘‘एक बार जब बीसीसीआई कार्यक्षेत्र की शर्तों तथा कार्यकाल को स्पष्ट कर देता है तो वह इसका हिस्सा बनने के बारे में फैसला करेंगे। तेंदुलकर खुद को क्रिकेट सलाहकार समिति का हिस्सा नहीं मानते और इस रूप में काम नहीं करेंगे। इस कारण वर्तमान शिकायत कोई मायने नहीं रखती। इसलिए वर्तमान शिकायत को निराधार करार दिया जाता है और इस प्रकार उसका निबटान किया जाता है।’’

टीम इंडिया के कोच की रेस में भी शामिल नहीं होंगे सचिन!

आपको बता दें कि बीसीसीआई के लोकपाल की भूमिका भी निभा रहे जैन ने कहा कि तेंदुलकर ने अपने वकील अमित सिब्बल के जरिए बयान जारी किया जो कि मामला खारिज करने के लिये पर्याप्त है। इसका मतलब है कि अगर सीओए कार्यक्षेत्र की उचित शर्तों को उपलब्ध नहीं कराते तो फिर तेंदुलकर विश्व कप के बाद नए कोच की चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे।

क्या था मामला

आपको बता दें कि हितों के टकराव का ये केस मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के सदस्य संजीव गुप्ता ने डाला था। उन्होंने सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था क्योंकि वो सीएसी सदस्य होने के साथ आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों से भी जुड़े थे।



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