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जयललिता को फिल्म दुनिया और राजनीति से थी नफरत, जीतना चाहती थीं नोबेल पुरस्कार

नई दिल्ली: Jayalalitha Biopic Thalaivi: कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म ‘थलाइवी’ (Thalaivi) 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) के मौके पर रिलीज हो गई है। इस फिल्म को तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता (Former Tamil Nadu CM Jayalalithaa) की जिंदगी पर बनाया गया है। जिसमें उनके सिनेमा से लेकर राजनीति में उनके शामिल होने तक के सफर और संघर्ष को दिखाया गया है। ऐसे में आज हम भी आपको उनकी जिंदगी से जुड़े एक किस्से के बारे में बता रहे हैं, जिसमें वो कई दिनों अपनी से झगड़ती रही थीं।

लाइमलाइट में आना नहीं था पसंद

अपने चाहने वालों में ‘अम्मा’ के नाम से चर्चित रहीं जयललिता की मां भले ही एक अभिनेत्री थीं, लेकिन वो कभी भी फिल्मी दुनिया में नहीं आना चाहती थीं, क्योंकि उन्हें लाइमलाइट में आना पसंद नहीं था। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू के दौरान किया था। लेकिन इसके बावजूद उनकी डेस्टिनी उन्हें फिल्मी दुनिया में ले ही आई। जिसमें उन्होंने करीब 125 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया।

जयललिता ने इतनी ज्यादा फिल्मों में काम करने के बाद फिल्मी दुनिया छोड़ दी और सिहासत की दुनिया में कदम रखा। राजनीति में आते ही वो लोगों की सबसे पसंदीदा राजनेताओं में से एक बन गईं। जयललिता 1991 में तमिलनाडु के सीएम बनीं और 2016 यानी की 14 साल तक इस पद पर रहीं।

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परिवार के लिए रखा फिल्मी दुनिया में कदम

एक इंटरव्यू में जयललिता ने कहा था कि मुझे फिल्मी दुनिया और राजनीति पसंद नहीं थी, लेकिन दोनों ही हाई प्रोफाइल करियर मेरे भाग्य में शामिल हुए। जयललिता ने कहा था कि मैं बचपन में बहुत शर्मीली थी। मुझे चकाचौंध में अच्छा ही नहीं लगता था। मैं पढ़ाई में होशियार थी, लेकिन किसी कारणवश 16 साल की उम्र में ही फिल्म दुनिया में आना पड़ा। वहीं, अगर में अपना करियर खुद डिसाइड करती तो, शायद मुझे नोबेल पुरस्कार मिल जाता।

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जीतना चाहती थीं नोबेल पुरस्कार

जयललिता ने कहा था कि मैंने फिल्मी दुनिया से दूर रहने की कोशिश की थी, अपनी बात के लिए लगभग तीन दिनों तक हंगामा किया था। अपनी मां से झगड़ा किया था। लेकिन फिर मां ने मुझे घर की परिस्थितियों के बारे में समझाया, उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे काम नहीं मिल रहा है। दादा-दादी, भाई, चाची और उनके बच्चों को हम कैसे संभालेंगे। उन्होंने कहा कि तुम्हें फिल्मी दुनिया में भेजने के अलावा हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है। जिसके बाद मैं मान गई, 16 साल की उम्र में अब क्या कर सकती थी।

इस तरह से जयललिता को फिल्मों से नफरत थी, लेकिन वो फिर भी एक सफल अभिनेत्री बनीं। उन्हें राजनीति पसंद नहीं थी, लेकिन सफल राजनेता बनीं। इसके अलावा उन्हें शास्त्रीय नृत्य से नफरत थी, लेकिन वो देश की सर्वश्रेष्ठ शास्त्रीय नर्तकी बनीं। इस बात से जयललिता खुद हैरान थीं। लेकिन वो कहते हैं ना, जरूरी नहीं वो हो जो हम चाहें, कभी-कभी अनचाहा भी, बुलंदियों पर पहुंचा देता है। ऐसा ही कुछ तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता के साथ हुआ था।



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