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Sputnik V भी मुफ्त में लगाएगी सरकार, सरकारी केंद्रों पर उपलब्ध कराने के साथ जानिए क्या है पूरा प्लान

नई दिल्ली। रूस में बनी 'स्‍पूतनिक वी' ( Suptnik V ) जल्‍द ही सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर भी उपलब्‍ध होगी। खास बात यह है कि देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तरह अब स्पूतनिक वी का टीका भी मुफ्त लगाया जाएगा।

कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एनके अरोड़ा ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह वैक्‍सीन मुफ्त उपलब्‍ध कराई जाएगी। फिलहाल स्‍पूतनिक वी सिर्फ प्राइवेट सेक्‍टर में उपलब्‍ध है। उन्होंने कहा कि हम इस वैक्सीन को मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम के तहत उपलब्ध कराना चाहते हैं, हालांकि ये पूरी तरह सप्लाई पर निर्भर करेगा।

निजी अस्पतालों के बाद रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V (Sputnik V) अब जल्द ही सरकारी केंद्रों पर भी लगाई जाएगी। यही नहीं ये वैक्सीन भी मुफ्त में ही लगाई जाएगी। कोविड-19 के वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर एनके अरोरा ने बताया कि जल्द ही स्पूतनिक V सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में उपलब्ध होगी।

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तेज होगी टीकाकरण की रफ्तार
स्पूतनिक वी के सरकारी केंद्रों पर भी उपलब्ध होने के बाद माना जा रहा है कि देश के वैक्सीनेशन अभियान ओर गति मिलेगी। दरअसल भारत पहले ही दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने वाला देश बन चुका है। 35 करोड़ से ज्यादा खुराक देश में लगाई जा चुकी हैं।

इस तरह स्टोर की जा सकेगी स्पूतनिक-वी
अरोड़ा के मुताबिक Sputnik V को -18 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्‍टोर करना होता है। ऐसे में देश में पोलियो वैक्‍सीन रखने में काम आने वाली कोल्‍ड चेन फैसिलिटीज का इस्तेमाल स्‍पूतनिक वी स्‍टोर करने के लिए किया जाएगा।

ग्रामीण इलाकों में पहुंचाने में मिलेगी मदद
अरोड़ा की मानें तो कोल्ड चेन फैसिलिटीज से एक और बड़ा फायदा होगा। इसकी मदद से स्पूतनिक वी को ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।

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जुलाई तक 50 करोड़ वैक्सीनेशन का टारगेट
एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में अरोड़ा ने कहा कि, 'कोविड वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम आने वाले हफ्ते में स्‍ट्रीमलाइन हो जाएगा।' देश में अब तक 34 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। जुलाई खत्म होने तक 12 से 16 करोड़ और डोज लगाई जाएंगी। यानी जुलाई अंत तक देश में 50 करोड़ डोज लगाए जाने का लक्ष्य है।
बता दें कि जनवरी में केंद्र ने कहा था कि जुलाई अंत तक करीब 50 करोड़ डोज लगा दी जाएंगी ताकि प्राथमिकता वाले समूहों को कवर किया जा सके।

तीसरी लहर में अभी काफी वक्त
अरोड़ा ने ये भी कहा कि आईसीएमआर के मुताबिक देश में तीसरी लहर फरवरी-मार्च 2022 तक आ सकती है। ऐसे में फिलहाल इस लहर से निपटने के लिए हमारे पास 8 महीने का वक्त है।

उन्होंने ये भी कहा कि डेल्ट प्लस वेरिएंट को तीसरी लहर से जोड़ना जल्दबाजी होगा। फिलहाल देश में सिर्फ 52 मामले डेल्टा प्लस वेरिएंट के मिले हैं।



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