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कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच त्योहारों को लेकर केंद्र सख्त, राज्यों को 'R' पर नजर रखने की हिदायत

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की तीसरी लहर की आहट के बीच केंद्र से लेकर राज्य सरकारें कड़े कदम उठा रही हैं। आगामी तीज-त्योहारों ( Festival ) ने एक बार फिर सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यही वजह कि सरकार किसी भी कीमत पर कोरोना नियमों ( Corona Guideline ) को लेकर लापरवाही बरते जाने के मूड में नहीं है।

गृहमंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर नजर रखने के लिए कहा है। खास कर केंद्र ने राज्यों को कोरोना के ‘R’ फैक्टर पर खासा ध्यान रखने को कहा है। आर फैक्टर से सरकार का मतलब रिप्रोडक्शन रेट से है। केंद्र ने कहा है कि प्रदेश सरकारें वायरस के प्रजनन दर को नियंत्रण में रखे।

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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने प्रदेश सरकारों को चिट्ठी लिखकर अलर्ट रहने के कहा है। चिट्ठी में कहा है कि कुछ राज्यों में प्रजनन दर 1 फीसदी के आसपास है, लेकिन कुछ राज्यों में ये लगातार बढ़ रही है। ऐसे में इस पर नजर रखने की जरूरत है।

भल्ला के मुताबिक जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है, वहां खास ध्यान देने की जरूरत है।

कोरोना से निपटने का 5 सूत्री फॉर्मूला
त्योहारों को देखते हुए केंद्र ने कोरोना से निपटने के लिए पांच सूत्री फॉर्मूले पर जोर दिया है। त्योहार के सीजन का जिक्र करते हुए भल्ला ने लिखा है कि सभी भीड़-भाड़ वाले जगहों पर कोरोना के नियमों का पालन कराने की खास जरूरत है।

उन्होंने लिखा है, ‘कोरोना के प्रोटोकॉल को सही तरीके से पालन करने के लिए 5 सूत्री रणनीति पर काम किया जाना चाहिए।

इसके तहत पांच चीजें आती हैं- टेस्ट, ट्रैक, ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन और कोरोना के नियमों का पालन।

पॉजिटिविटी रेट कम हो या ज्यादा हर राज्य को आने वाले तीज-त्योहार को लेकर अलर्ट रहना होगा। मास्क से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का कड़ाई से पालन करवाना होगा। ढिलाई बरतने से हलात बिगड़ सकते हैं।

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अधिकारियों के अहम जिम्मेदारी
केंद्रीय सचिव ने कोरोना से निपटने के लिए अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी दी है। उन्होंने प्रबंधन के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए जिलों और अन्य सभी स्थानीय अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किया।
भल्ला ने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को किसी भी ढिलाई के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

यही नहीं उन्होंने ये भी सलाह दी कि संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों और जिला अधिकारियों की ओर से इस संबंध में जारी किए गए आदेशों को उचित कार्यान्वयन के लिए व्यापक रूप से प्रसारित किया जाए।



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