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दावा: सिर्फ ब्लैक, व्हाइट और यलो नहीं, 80 सेगमेंट के फंगस मानव शरीर में होते है मौजूद

नई दिल्ली।

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण ने कहर किस तरह बरपा रखा है, यह अब बताने की जरूरत नहीं। दूसरी ओर, तीन तरह के फंगस जिनमें, ब्लैक, व्हाइट और यलो शामिल हैं, के संक्रमण ने भी लोगों की चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि देश में लोगों को दो महामारी (कोरोना और फंगस) से एकसाथ जूझना पड़ रहा है।

हालांकि, यह बहुत कम लोग जानते हैं कि मानव शरीर से हर समय कई तरह के फंगस हमेशा चिपके रहते हैं। यह पहली बार नहीं है, जब ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस या यलो फंगस मानव शरीर में हमला कर रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो मानव शरीर अक्सर विभिन्न तरह के फंगस के संक्रमण से लड़ते रहता है। मानव शरीर में एथलीट फुट, डाइपर रैशेज, रिंगवर्म, बालों में रूसी और प्राइवेट पार्ट के आसपास संक्रमण फंगस की ही देन है। शरीर में फंगस के संक्रमण को लेकर हाल ही में एनआईएच में एक रिसर्च हुआ है।

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रिसर्च में सामने आया कि मानव शरीर में कई तरह की विविधताओं से भरे फंगस का संक्रमण होता रहता है। रिसर्च टीम ने इसके लिए दस लोगों को शोध के लिए चुना और उनके पूरे शरीर की जांच की। रिसर्च टीम ने इन दस लोगों के सिर से पैर तक में 14 जगहों से नमूने लिए और उनका डीएनए विश्लेषण किया। इससे उन्हें फंगस शरीर में किन जगहों पर अक्सर और ज्यादा होते हैं, यह जानने में मदद मिली। रिसर्च टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मानव शरीर में सिर के पिछले हिस्से, नाक, पैर आदि हिस्सों में फंगस के संक्रमण की आशंका अधिक रहती है।

रिसर्च टीम की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, डीएनए विश्लेषण में फंगस के 80 सेगमेंट या वंश सामने आए। ये सभी मानव शरीर की सतह पर चिपके होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मानव शरीर में मैलासीजिया वंश के फंगस सबसे अधिक संख्या में मिलते हैं। यह सिर और धड़ मे मिलते हैं। हाथ में बैक्टीरिया अधिक होते हैं, इन जगहों पर फंगस की संख्या कम होती है, मगर पैर में यह संख्या काफी ज्यादा होती है। पैर में एडिय़ा, पैर के अंगूठे और दूसरी अंगुलियों के बीच चमड़ी तथा आसपास की जगहों पर, नाखूनों में फंगस ज्यादा व कई तरह के होते हैं।

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यह जानना दिलचस्प होगा कि शरीर में जिन 80 सेगमेंट या वंश के फंगस मिलते हैं, उनमें सैकारोमिसिस नाम का यीस्ट यानी खमीर भी मौजूद होता है और इस फंगस का इस्तेमाल बियार या ब्रेड (पावरोटी) बनाने के लिए भी किया जाता है। रिसर्च टीम की मानें तो पैर के अंगूठे के नाखून में फंगस का संक्रमण होता है और इसे हटाना काफी मुश्किलभरा काम है। यही नही, पैर के नाखून में कुछ खतरनाक तरह के फंगस का संक्रमण रहता है और यह अक्सर नाखूनों का रंग तक उड़ा देते हैं, जबकि कुछ फंगस नाखून तोड़ देते हैं। वहीं कुछ फंगस का संक्रमण गंभीर त्वचा रोग जैसे कि एक्जिमा की वजह भी बनते हैं।

रिसर्च टीम की रिपोर्ट में फंगस को लेकर सामने आए तथ्य से तो आप समझ गए होंगे कि मानव शरीर और खासकर त्वचा काफी सक्रिय और जटिल किस्म के पारिस्थितिकीय तंत्र से जुड़ी है। इसमें बैक्टीरिया, वायरस और फंगस आपस में क्रिया-अनुक्रिया करते हैं। इनमें कुछ बैक्टीरिया, वायरस और फंगस शरीर के लिए जरूरी हैं, तो कुछ बीमारी का सबब बनते हैं। एनआईएच की रिसर्च टीम अपनी एक दूसरी रिपोर्ट में पहले ही यह खुलासा कर चुकी है कि मानव शरीर में आंत में बैक्टीरिया के साथ-साथ फंगस भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। ज्यादातर लोग त्वचा संबंधी फंगस के संक्रमण से जूझते हैं, मगर कुछ के शरीर में फेफड़े का जानलेवा फंगल संक्रमण भी होता है। इसके अलवा मास्तिष्क ज्वर के संक्रमण में भी फंगस मौजूद होता है।



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