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गोवा में ऑक्सीजन संकट : सबसे बड़े कोविड हॉस्पिटल में 13 और मरीजों की मौत, चार दिन में 75 की गई जान

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में तबाही मचा रही है। पिछले कुछ दिनों से इस महामारी के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। देश के कई राज्यों के अस्पतालों में मरीजों को बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की भारी किल्लत है। समय में इलाज और ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण रोजाना सैकड़ों मरीजों की मौत हो रही है। गोवा के मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी कई लोगों के लिए काल बन गई है। गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीती रात 2 बजे से शुक्रवार सुबह 6 बजे तक 13 लोगों की मौत ऑक्सीन की कमी से हो गई। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन की सप्लाई में रुकावट की वजह से ये मौतें हुई।

जांच के लिए 3 सदस्यों की टीम
एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑक्सीजन की सप्लाई में रुकावट की वजह से ये मौतें हुई। वहीं हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि लॉजिस्टिक सपोर्ट की कमी के चलते इनकी जान गई है। वहीं गोवा सरकार ने जांच के लिए 3 सदस्यों की टीम बनाई है। आईआईटी गोवा के निदेशक डॉ बीके मिश्रा की अध्यक्षता वाली समिति को जीएमसी में ऑक्सीजन के प्रशासन की प्रक्रिया की जांच करने और इसके सुधार के लिए सिफारिश करने का काम सौंपा गया है।

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4 दिनों 74 मरीजों की मौत
गोवा के सबसे बड़े मेडिकल फैसिलिटी गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पिछले 4 दिनों में 74 मरीजोंं की मौत हो चुकी है। मंगलवार को 26, बुधवार को 21, गुरुवार को 15 और आज 13 मरीज जान गंवा चुके है। बताया जा रहा है कि कथित रूप से सभी मरीजों की मौतें मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से हुई हैं। गुरुवार की रात को ही गोवा के अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से 13 मरीजों की मौत हुई है। यह लापरवाही तब हुई है, जब अभी गुरुवार को ही हाइकोर्ट ने ऑक्सीजन संकट को लेकर राज्य सरकार को चेताया था।

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हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
स्वास्थ्य सचिव रवि धवन ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन है। उन्होंने सप्लाइ बाधित होने के पीछे ऑक्सिजन सिलिंडर के चेंजओवर को वजह बताते हुए राज्य में प्रशिक्षित ट्रैक्टर डाइवरों का हवाला दिया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सिजन कोई कमी नहीं है। जो मौतें हो रही हैं उनका लॉजिस्टिकल कारण है। इस पर हाई कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य के अधिकारी जिम्मेदारी लेने से इनकार कर रहे हैं।



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