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Farmer Protest: सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान की गई जान, परिजनों ने बताया ये कारण

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों ( Farm Bill ) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन ( Farmer Protest ) 13वें दिन भी जारी है। विरोध के बीच मंगलवार 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है। इसका देशभर में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। कहीं ट्रेनें रोकी जा रही हैं तो कहीं टायर जलाकर विरोद प्रकट किया जा रहा है। वहीं कई राज्यों में बंद के दौरान प्रदर्शन उग्र हो गया है।

इस बीच बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल सर्द मौसम में भी आंदोलनकारी किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सोनीपत के सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में एक किसान की मौत हो गई है। किसान की मौत पर परिजनों ने ठंड को बड़ी वजह बताया है।

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किसान आंदोलन में टीडीआई सिटी के सामने किसान की मौत हुई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। बताया जा रहा है कि मृतक किसान का नाम अजय है और उसकी उम्र 32 साल है।

अजय के पास थी एक एकड़ जमीन
अजय सोनीपत के बरोदा का रहने वाला है। मिली जानकारी के मुताबिक अजय के पास एक एकड़ जमीन थी और अपनी जमीन ठेके पर लेकर खेती का काम करता था।

खाना खाकर सोय, फिर नहीं उठा
किसानों के खिलाफ लाए गए कृषि कानून के विरोध में अजय भी शुरू से ही आंदोलन का हिस्सा रहा। इसके तहत वह रोज सोनीपत की सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहा था। सोमवार रात भी वह रोज की तरह खाना खाकर सोया था और सुबह नहीं उठा। वहीं परिजनों ने कहा कि उसकी ठंड के कारण मौत हुई है।

उधर पुलिस का कहना है कि अजय के शव को पोस्ट मॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। जब तक पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट नहीं आ जाती मौत के सही कारणों के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।

दरअसल पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद उत्तर भारत के कई इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। वहीं दिल्ली और एनसीआर के कई इलाके भी घने कोहरे की चपेट में है।

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..तो बढ़ जाएगी चिंता
वहीं अजय की मौत के वजह ठंड के साथ-साथ कोरोना वायरस से संक्रमण भी हो सकती है। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ही इस बात का खुलासा हो पाएगा। अगर मौक का कारण कोविड-19 निकलता है तो ये आंदोलन के बीच बड़ी चिंता का कारण बन सकता है।

आपको बता दें कि हजारों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर में ही रात काट रहे हैं। वे कृषि कानूनों समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली के अलग-अलग सीमाओं पर पिछले 12 दिन से डटे हुए हैं।

सर्द मौसम में किसानों का हौसला बुलंद है। सिंधु, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का हुजूम इकट्ठा है।



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