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खुफिया तंत्र की सूचना, अगर आंदोलन नहीं सुलझाया तो मुश्किल होंगे हालात

नई दिल्ली.

दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए भारी मुसीबत की वजह बन सकता है किसान आंदोलन। किसान संगठन किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने साफ कहा कि किसी भी क़ीमत पर आंदोलन वापस नहीं होगा।

किसान आंदोलन को फ़्रंट से नेतृत्व कर रहे जोगिंदर सिंह उगराहां का मानना है कि किसानों की मांग को लेकर केंद्र सरकार संजीदा नही लग रही। सरकार आंदोलन में फूट डालने की फ़िराक़ में हैं। मांग का मसौदा भेजना मुद्दा नहीं है, जब मांगे स्पष्ट हैं तो फिर केंद्र का तर्क उसकी नीयत पर सवाल खड़े करता है। किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि अगर तीन दिसंबर की बातचीत बेनतीजा रही तो फिर फिर वो दिल्ली जाने वाले फल, दूध, सब्जियों की सप्लाई बंद कर देंगे। इसके साथ ही किसान गुरुवार को 11 बजे दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

  • — हरियाणा बार्डर पर राजस्थान के किसानों का डेरा।
  • — नोएडा से दिल्ली की तरफ आने वाले सड़क कालिंदी कुंज बॉर्डर को बंद।
  • — मेवात से किसानों का जत्था बॉर्डर पर पहुँचा, फरीदाबाद पर रोका।
  • — 3 को 11 बजे पैदल दिल्ली की ओर कूच करेंगे किसान, बदरपुर बॉर्डर जाम करेंगे।
  • — दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर भाकियू का डेरा।
  • — विदेशों में बसे पंजाबी किसान आंदोलन का सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीम कर रहे।
  • यह हैं किसानों आपत्तियां
  • - किसान चाहते हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को जारी रखे। नए क़ानून में संशोधन करके सरकार ये निश्चित करे कि ये प्रावधान इसमें शामिल हो।
  • - कृषि उपज मंडी समिति के बाहर भी निजी व्यापारियों पर उसी तरह से टैक्स लगाया जाए जैसे कि इसके अंदर लगाया जाता है। नए क़ानून में ये प्रावधान नहीं है।
  • - किसानों को नए क़ानून में ‘कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग’ या ‘ट्रेड मार्केट’ के शामिल किए जाने से है। किसान इसका विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अंबानी और अडानी जैसे उद्योगपतियों को कृषि क्षेत्र में एंट्री का ये खुला न्यौता है।

इस ‘एमएसपी’ पर है सारा बवाल
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत सरकार किसानों द्वारा बेचे जाने वाले अनाज की पूरी मात्रा खरीदने के लिए तैयार रहती है। जब बाजार में कृषि उत्पादों का मूल्य गिर रहा होता है, तब सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद खरीदकर उनके हितों की रक्षा करती है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा फसल बोने से पहले ही कर दी जाती है।

कैप्टन पर बरसे केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा कि कैप्टन और बीजेपी मिलीभगत करके तीनों काले कानूनों को दिल्ली में लागू करने का आम आदमी पार्टी पर झूठा आरोप लगा रहे हैं।

कंगना को कानूनी नोटिस
झिरकपुर के एक वकील ने अभिनेत्री कंगना रानौत को लीगल नोटिस भेज विवादित ट्वीट पर माफी मांगने का कहा है। कंगना ने किसान आंदोलन की एक तस्वीर ट्वीट कर उसमें शामिल एक वृद्धा को शाहीन बाग वाली बिलकिस दादी बताया। कंगना ने ट्वीट में कहा कि शाहीन बाग वाली दादी 100 रुपए में विरोध प्रदर्शनों के लिए उपलब्ध है। हालांकि कंगना ने चौतरफा निंदा होने के बाद यह फेक न्यूज वाला ट्वीट डिलीट कर दिया था।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को गृहमंत्री अमित शाह ने मुलाकात के लिए बुलाया है। इसे किसान आंदोलन को सुलझाने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है। तीन दिसंबर को दोपहर में दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है।



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