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PM Modi पहुंचे मनाली, थोड़ी देर में दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल का करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा के करीब और सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण और दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के मनाली पहुंच गए हैं। पीएम मोदी कुछ देर बाद इस टनल का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि अटल टनल 3000 मीटर की ऊँचाई पर बनी है।

अटल यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। इसकी खासियत यह है कि हर मौसम में खुली रहेगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक लाहौल स्पीति के सीसू में उद्घाटन समारोह के बाद मोदी सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद होंगे।

लेह से मनाली पहुंचने में लगेगा कम समय

अटल सुरंग के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि अटल टनल चालू होने से इस इलाके में कनेक्टिविटी की सबसे बड़ी समस्या का हमेशा के लिए हल हो जाएगा। इस सुरंग के कारण मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। दूरी में कमी आने का क्षेत्र के लोगों को सबसे बड़ा लाभ यह मिलेगाकि अब उन्हें मनाली और लेह के बीच दूरी तय करने में चार से पांच घंटे कम समय लगेगा।

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9 किलोमीटर लंबी है सुरंग

अटल सुरंग दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग मनाली को वर्ष भर लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। यह घाटी करीब छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण देश के शेष हिस्से से कटी रहती थी। लेकिन यह घाटी हर मौसम में खुली रहेगी।

सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों से करेंगे बात

जानकारी के मुताबिक अटल सुरंग हिमालय के पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के बीच अति आधुनिक तकनीकी के आधार पर समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी 3 अक्टूबर को कुल्लू जिले में हिम एवं हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान पहुंचेंगे। वहां पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के गेस्ट हाउस में ठहरेंगे और अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।

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अटल टनल के बारे में विभागीय अधिकारियों ने बताया है कि 3,300 करोड़ रुपए की कीमत से बनी सुरंग देश की रक्षा के नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण है। अटल सुरंग का डिजाइन प्रतिदिन 3,000 कारों और 1500 ट्रकों के लिए तैयार किया गया है। टनल के अंदर वाहनों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी।

गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था। सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई, 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसंबर, 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय लिया था।



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