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Chinese incursions की पुष्टि करने वाले दस्तावेज एमओडी की वेबसाइट से गायब, विपक्ष ने की संसद सत्र बुलाने की मांग

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र ( East Ladakh area ) में चीनी सेना के अतिक्रमण ( Chinese incursions ) की सूचना सुर्खियों में आने और विपक्ष के हमले के बाद एमओडी ( Ministry of Defence ) ने अपनी वेबसाइट ( Website ) से गुप्त अपलोड करने के बाद अचानक हटा ली है। इस घटना के बाद विपक्ष ( Opposition Party ) ने सरकार पर पलटवार किया है। एमओडी ( MoD ) की वेबसाइट से हटाए गए दस्तावेज में सरकार ने माना था कि चीनी सेना ( Chinese Army ) ने लद्दाख ( Ladakh ) के कई क्षेत्रों में घुसपैठ की थी।

जैसे ही ये खबर मीडिया में आई इसे रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट ( MOD Website ) से हटा दिया गया। बता दें कि रक्षा मंत्रालय हर महीने की गतिविधियों को लेकर एक ब्योरा जारी करता है। जून महीने की प्रमुख गतिविधियों को लेकर 4 अगस्त को मंत्रालय की वेबसाइट पर यह दस्तावेज ( Confidential Doccument ) अपलोड किया गया।

अपलोडेड दस्तावेज में एलएसी पर चीन की आक्रामकता के शीर्षक से एक अध्याय शामिल था। इस दस्तावेज को सामाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट भी किया था। दस्तावेज में कहा गया है कि एलएसी पर चीनी सेना की आक्रामकता 5 मई के बाद से बढ़ी है।

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दरअसल, 17-18 मई को चीन की तरफ से कुंगरांग नाला, गोगरा और पेंगोंग त्सो के पीपी17ए सहित उत्तरी हिस्से में घुसपैठ की गई। इसी दस्तावेज में गलवान घाटी हिंसा और सैन्य वार्ताओं का भी जिक्र है। इसमें गतिरोध के जारी रहने की आशंका व्यक्त की गई है।

मीडिया में खबर प्रकाशित होने और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हमले को लेकर रक्षा मंत्रालय का दस्तावेज हटाने के पीछे कुछ अन्य कारण बताए गए हैं। फिर मंत्रालय की ओर से मामले की आंतरिक जांच जारी है। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि घुसपैठ से तात्पर्य भारतीय सीमा में घुसपैठ से नहीं है।

मोदी सरकार में चीन को जवाब देने की हिम्मत नहीं

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा है। राहुल गांधी ने बेहद सख्त लहजे में कहा था कि पीएम मोदी झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कहा है कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम चीन के सामने खड़े नहीं हो सकते हैं। राहुल ने ट्विटर पर एक खबर साझा की है।

गुरुवार को राहुल गांधी ने कहा था कि रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट से चीन के अतिक्रमण की बात कबूलने वाले दस्तावेज को वेबसाइट से हटा दिया है। इस दस्तावेज को रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया था। इसमें कहा गया था कि लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ी हैं।

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पीएम मोदी का बयान सही या एमओडी

दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए कहा कि 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। रक्षा मंत्रालय के कागजात में ये भी कहा गया कि एलएसी पर गतिरोध लंबे समय तक बने रहने की संभावना है।

दिल्ली कांग्रेस के नेता माकन ने कहा कि हम चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए। रक्षा मंत्रालय के कागजात सही हैं या प्रधानमंत्री का बयान। माकन ने इसकी भी जानकारी मांगी कि कागजात को वेबसाइट से क्यों हटाया गया।

संसद सत्र बुलाने की मांग

अब अजय माकन ने सरकार से संसद सत्र बुलाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि सत्र में चीन से जारी गतिरोध और कोरोना महामारी और मंदी पर चर्चा होनी चाहिए। इसके साथ उन्होंने सरकार से सीमा पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने का रोड मैप बताने की भी मांग की। सरकार बताए कि हालात से निपटने के लिए उसकी क्या रणनीति है।

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पीएम ने देश को गुमराह किया

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ( CPM Sitaram Yechury ) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 19 जून को देश को गुमराह करने का काम किया। रक्षा मंत्रालय अपनी ही वेबसाइट पर एक दस्तावेज रखता है जो फिर गायब हो जाता है! पीएम और उनकी सरकार जो भी छिपाने की कोशिश कर रही है वह बहुत गंभीर है। सरकार को स्पष्ट रूप से सच बताना चाहिए।

वहीं आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ( RJD Manoj Kumar Jha ) ने केंद्र सरकार से पूछा है कि 19 जून की सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के अतिक्रमण वाले बयान से क्या पता चलता है? सरकार इस बात को स्पष्ट करे।



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