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Rajasthan Political Crisis: सचिन का BJP में जाने इनकार, जानें पायलट के सामने 5 बड़े सवाल

नई दिल्ली। राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम ( Rajasthan Political Crisis ) और वर्चस्व की लड़ाई में सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) इस वक्त एक मुश्किल वक्त का सामना कर रहे हैं। उनके सामने अपने राजनीतिक भविष्य को सही दिशा देने के लिए ये समय काफी महत्वपूर्ण है। एक गलत कदम उनकी छवि और राजनीतिक भविष्य को मुश्किल में डाल सकता है।

यही वजह है कि कांग्रेस के पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाने के बाद अब तक सचिन ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। एक तरफ बीजेपी ( BJP )बाहें फैलाकर उनका स्वागत करने को आतुर है तो दूसरी तरफ सचिन लगातार इस बात से इनकार कर रहे हैं कि वो बीजेपी में शामिल होंगे।

लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह सचिन बीजेपी में नहीं जाते हैं तो उनका अगला कदम क्या होगा? नई पार्टी बनाना, कांग्रेस में ही नई भूमिका? ऐसे ही कुछ सवाल हैं जिनके जवाब ही सचिन के आगे की दशा और दिशा तय करेंगे। आईए जानते हैं ऐसे ही पांच सवाल जिनके जवाब से आगे की राह होगी आसान।

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1. नई भूमिका के साथ कांग्रेस में बने रहना
सचिन पायलट को कांग्रेस ने भले ही दो अहम पदों से हटाया हो, लेकिन अभी उनके पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से रिश्ते खराब नहीं हुए हैं। इतना ही पार्टी के कई नेता उनके सपोर्ट में आगे भी आए हैं। सचिन को पार्टी से बाहर नहीं करना इसका बड़ा उदाहरण है। वो अभी भी कांग्रेस का हिस्सा हैं और पार्टी के कई युवा उनके समर्थन में खड़े हैं। ऐसे में सचिन पायलट कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के सामने अपने मान-सम्मान के लिए दबाव डाल सकते हैं और एक नई भूमिका के लिए तैयार हो सकते हैं। लेकिन ये फैसला भी सचिन को ही करना है।

2. बीजेपी में जाने से इनकार लेकिन अब भी इंतजार
सचिन पायलट फिलहाल हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं। हालांकि वे लगातार ये कह रहे हैं कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। राजस्थान से आने वाले बीजेपी उपाध्यक्ष ओम माथुर सहित कई अन्य नेताओं ने कहा कि अगर सचिन बीजेपी में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। लेकिन सचिन की मानें तो ये वो लोग हैं जो गांधी परिवार के आगे उनकी छवि खराब करना चाहते हैं। जानकारों की मानें तो इस स्थिति में जब तक बीजेपी से सीएम पद मिलने का भरोसा नहीं होता, पायलट उनके पक्ष में कोई भी बयान देने से बचेंगे।

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3. अलग दल बनाकर अपना वजूद तलाशना
सचिन पायलट के लिए कांग्रेस छोड़ना और बीजेपी ने ना जाने के बाद एक विकल्प खुला रहता है वो है अपना अलग दल बनाना है। लेकिन ये काम इतना आसान नहीं है। नए सिरे से पार्टी बनाकर आगे बढ़ने में कई मुश्किलें खड़ी हो सकती है। ऐसे में पहले से ही प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी जैसे दलों के बीच जगह बनाना भी उनके लिए पहाड़ चढ़ने से कम नहीं होगा। राजस्थान का इतिहास बताता है यहां क्षेत्रीय पार्टी के लिए ज्यादा स्कोप नहीं है।

4. युवाओं के जरिए जनता में विश्वास
राजस्थान की राजनीति में अपनी पैठ स्थापित करने के लिए सचिन पायलट की सबसे बड़ी ताकत फिलहाल युवा हैं। यहीं वजह है कि सचिन की नाराजगी के साथ ही कांग्रेस के तीनों युवा संगठन प्रदेश कांग्रेस, युवा कांग्रेस और सेवा दल के तीनों अध्यक्ष उनके समर्थन में आए थे। यहां जो बड़ा सवाल है वो ये कि सचिन इन युवाओं के दम पर प्रदेश की जनता के बीच विश्वास जीतने में सफल हो पाएंगे।

5. बीजेपी में भी वरिष्ठ नेताओं से मतभेद के हालात
वैसे तो सचिन पायलट अब तक बीजेपी से दूरी बनाए रखने की ही बात कह रहे हैं। लेकिन ये राजनीति है, यहां कल के दुश्मन आज के दोस्त बन जाते हैं। रातों-रात तख्त पलट जाते हैं। ऐसे में सचिन पायलट अगर बीजेपी में जाते भी हैं तो वहां भी अशोक गहलोत की तरह दिग्गज नेताओं से उनके मतभेद हो सकते हैं। खास तौर पर वसुंधरा राजे सिंधिया जैसे कद्दावर नेता सचिन की राह को मुश्किल बना सकती हैं। ऐसे में सचिन के सामने ये भी एक बड़ा सवाल है,जिसका जवाब निकालकर वे अपनी आगे की राजनीतिक राह आसान कर सकते हैं।



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