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CSIR के वैज्ञानिक बोले - हवा में वायरस से सभी को कोरोना के संक्रमण का खतरा नहीं, जानिए कैसे

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण ( Coronavirus Infection ) का दौर जारी है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने पहली बार इस बात को आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए भी फैल रहा है। इसके बाद वैश्विक स्तर लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

डब्लूएचओ की इस घोषणा के बाद लोगों को अब हवा से भी संक्रमण का खतरा ( Airborn Corona threat ) सताने लगा है जो पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए कि हवा की मौजूदगी को रोकना संभव नहीं है।

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घबराने की जरूरत नहीं

इस बारे में भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं ( No need to worry ) है। यह वायरस हवा में अस्थायी तौर पर मौजूद रहता है। इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि वायरस हर जगह पहुंच रहा है। हर किसी को संक्रमित कर देगा।

कुछ ही देर तक रहता है हवा में

एयरबॉर्न कोरोना को लेकर सीएसआईआर ( CSIR ) के सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बॉयोलॉजी ( CCMB ) के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि अब तक के दावे से पता चला है कि यह 5 माइक्रोन से कम आकार की छोटी बूंदों ( Droplets ) में हवा में इधर-उधर जा सकता है और बड़ी बूंदों के रूप में यह कुछ ही मिनटों तक हवा में रहेगा।

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लंबे समय तक Mask पहनना जरूरी

उन्होंने कहा कि इसका स्पष्ट अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति बोलता या सांस लेता तो कुछ ड्राप्लेट हवा में जाते हैं। कुछ समय तक हवा में बने रहते हैं। इसलिए लोगों को लंबे समय तक मास्क पहनना जरूरी है।

डॉ. मिश्रा का कहना है कि जहां तक मैं समझता हूं, कुछ संशोधन को छोड़कर दिशा-निर्देशों में कोई बड़ा बदलाव करने की जरूरत नहीं है। इससे घबराने की भी आवश्यकता नहीं है।

Socoal Distancing का भी करें पालन

हवा से कोरोना वायरस होने का मतलब सिर्फ इतना है कि लोगों को अधिक समय तक मास्क पहनना चाहिए। वायरस से बचने के लिए सामाजिक दूरी ( Socoal Distancing ) बनाए रखने जैसी अन्य सावधानी बरतना जारी रखना चाहिए।

भीड़भाड़ वाले इलाके से बचें

सीएसआईआर ( CSIR ) के डीजी शेखर पांडे का कहना है कि जब हम बोलते हैं तो 5 माइक्रॉन तक की बूंदे निकलती हैं। हवा में बनी रह सकती हैं। ऐसे में भीडभाड़ वाले इलाके में एक संक्रमित व्यक्ति कई लोगों को संक्रमण कर दे सकता है।



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