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George Floyd Death: London में प्रदर्शनकारियों ने पूर्व पीएम विंस्टन चर्चिल की प्रतिमा तोड़ी

लंदन। अफ्रीकी-अमरीकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड ( African-American citizen George Floyd ) की मौत के खिलाफ दुनियाभर के कई देशों में प्रदर्शन हो रहे हैं। ब्रिटेन में भी भारी संख्या में लोग सड़कों ( Protest In London ) पर उतरे और नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच प्रदर्शनकारी कई ऐतिहासिक प्रतिमाओं को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

अब सेंट्रल लंदन के प्रदर्शनकारियों ने पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगे पूर्व पीएम विंस्टन चर्चिल की प्रतिमा ( Winston Churchill statue vandalised ) को नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं इसपर लिखा- चर्चिल नस्लभेदी थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने चर्चिल विरोधी नारे भी लगाए। इस घटना के बाद लंदन के वेस्टमिंस्टर डिस्ट्रिक्ट में कर्फ्यू ( Curfew ) लगा दिया गया और भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया।

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आपको बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने चर्चिल की एक और प्रतिमा को तोड़ दिया है। पूर्वोत्तर लंदन में वुडफोर्ड ग्रीन ( Woodford Green in Northeast London ) में स्थित विंस्टन चर्चिल की दूसरी प्रतिमा है जिसे इस सप्ताह प्रदर्शनकारियों ने खंडित कर दिया। चर्चिल 1924 से 1964 तक इस क्षेत्र में सांसद के रूप में कार्य किया था। चर्चिल की यह प्रतिमा 1959 में बनाई गई थी।

पीएम बोरिस जॉनसन ने उठाए सवाल

आपको बता दें कि इस तरह के प्रदर्शन को लेकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ( British Prime Minister Boris Johnson ) ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लोगों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की। उन्होंने कहा कि आपका हक है कि आप शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें, लेकिन पुलिस पर हमला न करें। जॉनसन ने आगे यह भी चेतावनी दी कि इस तरह के प्रदर्शन से आप अपना मकसद पूरा नहीं कर सकते हैं और हिंसा के लिए जो भी जिम्मेदारी होगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कई देशों में प्रदर्शन

आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों में नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है। अमरीका में जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद हिंसा भड़क उठी और लोग नस्लवाद के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। दरअसल, जॉर्ज फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में मिनियापोलिस की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, जॉर्ज पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 20 डॉलर (करीब 1500 रुपये) के फर्जी नोट के जरिए एक दुकान से खरीदारी करने की कोशिश की।

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इसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ा और घुटने से आठ मिनट तक जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन दबाए रखा। इस बीच वह तड़पता रहा और छोड़ देने की गुहार लगाता रहा। वह कहता रहा कि सांस नहीं ले पा रहे हैं पर पुलिस अधिकारी ने नहीं सुनी। इसके बाद फ्लॉयड की मौत हो गई। इस पूरे घटना का वीडियो वायरल हो गया। इसके विरोध में अमरीका के 140 शहरों में प्रदर्शन हो रहा है। अब तक अरबों का नुकसान हो चुका है।



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