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Lockdown:मजदूरों के हालात देखकर जावेद अख्तर का फूटा गुस्सा, बोले- ट्रेन रोकना ठीक नहीं

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन लागू होने से सबसे बड़ी आपदा की मार दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ रही है ना उन्हें काम है ना खाने के लिए अनाज, दाने दाने को मोहताज लोग अब अपने अपने घरों की ओर पलायन करने लगे है। आने जाने की व्यवस्था ना होने के चलते ये लोग पैदल ही अपने परिवार के साथ घर की ओर जा रहे है जिससे रास्ते में हो रही कठिनाइयों के वजह से कुछ तो मौत का शिकार भी हो रहे है। ऐसी दिल दहला देने वाली खबरो से भरा मीडिया हमें इस प्रकार की जानकारी रोज दे रहा है जिससे बॉलीवुड के जाने माने राइटर जावेद अख्तर ने इसके विरूद्ध अवाज उठाई है। उन्होंने ट्वीट पर अपनी नराजगी जाहिर की है।

गर्मी की तेज धूप और मजदूरों का पैदल घर जाने से आने वाली कई कठिनाइयों भरे प्रवासी मजदूरों के ये हालात देखकर जावेद अख्तर का गुस्सा फूट पड़ा है। जावेद अख्तर ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कई अहम सवाल उठाए हैं।

जावेद ने अपने ट्वीट में लिखा, "30 जून तक ट्रेन नहीं चलाने का क्या मतलब है? प्रवासी मजदूर वापस अपने घर जाना चाहते हैं और वापस जाने का उन्हें पूरा अधिकार भी है, लेकिन रसूखदारों के इशारों से मजदूर वर्ग को रोकने की कोशिश की जा रही है। गलत तरीके से उनके रास्ते को रोकने की कोशिश करके हम उन्हें बंधुआ मजदूरी में बदलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं?"

हालांकि कुछ राज्य अपने यहां के प्रवासी मजदूरो को बुलाने के लिए साधन मुहैया करा रही हैं। और इन समस्या को हल करने के लिए नए कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की है। इसके बाद पीएम मोदी ने विश्वास जताया है कि इससे प्रवासी मजदूरों को भी लाभ मिलेगा।



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