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Lockdown 4.0: कई राज्यों में Paid Quarantine का नियम बना मुसाफिरों के लिए परेशानी

नई दिल्ली। देश के भीतर तमाम प्रदेशों में अंतरराज्यीय मुसाफिरों के लिए क्वारंटाइन के नियमों ( Quarantine Rules ) और वंदे भारत मिशन ( Vande Bharat Mission ) के तहत विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के नियमों का विरोध हो रहा है। कर्नाटक ( Karnataka ) सरकार ने Paid Quarantine यानी राज्य में आने वाले मुसाफिरों को खुद के पैसे खर्च कर क्वारंटाइन केंद्रों में जाकर ठहरने का नियम लागू किया है। संभवता इसी के चलते दिल्ली-बेंगलुरु ट्रेन में आने वाले यात्रियों की संख्या एक सप्ताह में दो तिहाई तक कम हो गई है। रेलवे अधिकारियों ने भी इसकी संभावना जताई है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक सरकार के अनिवार्य पेड संस्थागत क्वारंटाइन ( Institutional Quarantine ) नियम में शर्त है कि राज्य में आने वाले व्यक्ति को पहले 14 दिनों के लिए किसी होटल में रहना होगा और उसके लिए भुगतान भी करना होगा।

इसके चलते ही सैकड़ों परिवारों को कर्नाटक में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि वे होटल के कमरों में अपनी बचत खर्च करने के बजाय खुद होम क्वारंटाइन करने की मांग कर रहे थे। वहीं, देश के अन्य हिस्सों से गोवा में आने वाले गैर-गोवावासियों को क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए प्रतिदिन 2,500 रुपये का भुगतान करना जरूरी है।

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वहीं, पिछले हफ्ते हैदराबाद में हज़ारों की संख्या में खाड़ी मुल्कों से आए श्रमिकों और उनके परिवारों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से हवाई टिकट और संगरोध का खर्च वहन करने की मांग की।

जबकि विदेश में फंसे तमाम भारतीयों की भी शिकायत कुछ ऐसी ही रही। लॉकडाउन के चलते अपनी पार्ट-टाइम नौकरियां खोने के साथ ही किराये और भोजन के लिए खर्च करने में असमर्थ अमरीका और ब्रिटेन में फंसे हजारों छात्र, यूरोप और संयुक्त अरब अमीरात में बेरोजगार हिंदुस्तानियों समेत तमाम अन्य को भारत सरकार के वंदे भारत मिशन का कोई फायदा नहीं मिला। इसकी वजह यह कि ये लोग घर वापस आने और 14 दिनों तक होटल क्वारंटाइन में रुकने के लिए 1 लाख रुपये खर्च नहीं कर सकते थे।

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) के नियमों के मुताबिक इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रोके गए प्रदेशों के मरीजों का 5वें और 12वें दिन COVID-19 का टेस्ट किया जाना चाहिए। लेकिन बेंगलूरु के एक निजी होटल में क्वारंटाइन किए गए अधिकांश लोगों के मुताबिक एक सप्ताह पहले वहां लाए जाने के बाद उनकी टेस्टिंग नहीं की गई है और न ही कोई डॉक्टर उनसे मिलने आया।

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जबकि हैदराबाद के एक होटल में क्वारंटाइन किए गए विदेशी से आने वाले लोगों का कहना है कि अधिकारियों ने COVID -19 टेस्ट की कोई व्यवस्था नहीं की। यहां तक कि उनका आरोग्य सेतु ऐप ( Aarogya Setu App ) भी 'हाई रिस्क' लोगों की मौजूदगी का संकेत देता है।

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नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने घरेलू उड़ानों के मुसाफिरों को क्वारंटाइन किए जाने के नियम को अव्यवहारिक करार दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के साथ अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार क्वारंटाइन नियमों को हल्का करने पर विचार कर रही है। ऐसे में एक महत्वपूर्ण सुझाव यह माना जा रहा है कि दूसरे देशों से लौटने वाले भारतीयों के लिए अनिवार्य होटल या अस्पताल क्वारंटाइन के नियमों को हटा दिया जाए।



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