तेलंगाना से छत्तीसगढ़ पैदल निकली गर्भवती महिला, सड़क किनारे दिया बच्चे को जन्म

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( coronavirus in india ) का खतरा लगातार बढ़ रहा है। देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 50 हजार के करीब पहुंचने रही है। वहीं इस वायरस की वजह से सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार ( Central Govt ) महामारी से निपटने के लिए लगातार लॉकडाउन ( Lockdwon ) की अवधि में इजाफा कर रही है।
लॉकडाउन के तीसरे चरण के बीच देश के दक्षिण राज्य से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल लॉकडाउन में फंसे कई प्रवासी मजदूर ( Migrant Labour ) पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। ऐसी ही एक प्रवासी महिला जो तेलंगाना ( Telangana ) से छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) जाने के लिए निकली थी। लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा के बीच उसने खुले आसमान के नीचे बच्चे को जन्म दिया है।
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लॉकडाउन ने भले देश में कोरोना के संकट को काबू करने में बड़ी भूमिका निभाई हो लेकिन गरीब और कमजोर वर्ग पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है। ऐसा ही एक परिवार अपने घर पहुंचने के लिए पैदल ही सड़कों पर निकल पड़ा था।
अपने परिवार के साथ जा रही मजदूर महिला को NH 44 पर प्रसव पीड़ा होने लगी, लेकिन दूर-दूर तक ना तो कोई मदद दिख रही थी और ना ही अस्पताल। इस महिला ने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दिया।
दरअसल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की रहने वाली महिला अनीता गर्भवती थी। अपने घर पहुंचने के लिए अन्य परिवारों की तरह वो भी अपने परिवार पति और तीन साल के बेटे के साथ सूरज की तपिश के बीच पैदल ही घर जा रही थी।
तभी रास्ते में उसे प्रसव पीड़ा हुई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया। यह घटना नरसिंगी मंडल के जप्ती शिवनुर गांव में करीब सुबह 4 बजे की है।
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जैसे ही इस घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस थाने में लगी तो सब-इंस्पेक्टर ने मां-बच्चे को निजी एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं।
वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया कि फोन कॉल पर किसी ने महिला के बारे में जानकारी दी थी। जिसके बाद हमने तुरंत एक्शन लिया और महिला को अस्पताल पहुंचाया। घर जाने के लिए महिला 70 किमी का रास्ता तय कर चुकी थी। कुछ दिनों बाद उन्हें उनके घर पहुंचा दिया जाएगा।
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