Lockdown: पंजाब ने किया आगाह, देश की खाद्य सुरक्षा पर मंडरा सकता है संकट

चंडीगढ़। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पंजाब में एक महीने से अधिक समय से लागू कर्फ्यू के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं। इसके कारण राज्य को लॉकडाउन के प्रथम दिन से ही प्रतिदिन जीडीपी के लगभग 1200-1700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जबकि कर्फ्यू में ढील ना देने से आने वाले वक्त में देश की खाद्य सुरक्षा पर संकट खड़ा हो सकता है। यह बात राज्य टास्क फोर्स की रिपोर्ट में कही गई है।
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'एग्जिट स्ट्रैटजी फॉर कोविड-19 लॉकडाउन रेस्ट्रिक्शंस' नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी में प्रमुख योगदान करने वाले विनिर्माण, कृषि, निवेश और व्यापार पर न सिर्फ लॉकडाउन की अवधि के दौरान विपरीत असर होने की आशंका है, बल्कि आने वाले महीनों में भी।
राज्य में सबसे बड़ा नियोक्ता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर बुरी तरह इससे प्रभावित हो सकता है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अनापेक्षित लॉकडाउन से राज्य के धीरे-धीरे बाहर निकलने के तरीके तलाशने के लिए इस टास्क फोर्स का गठन किया है।
टास्क फोर्स ने भावी कार्ययोजना तय करने में राज्य को अधिक स्वायत्तता की उम्मीद की है, और केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी संशोधित दिशानिर्देश में संशोधनों की सिफारिश की है, ताकि तीन मई के बाद लॉकडाउन बढ़ने की स्थिति में श्रम बाजार को फिर से चालू किया जा सके और ठहर सी गई औद्योगिक अर्थव्यवस्था को गति दिया जा सके।
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति को स्वास्थ्य और गैर स्वास्थ्य संबंधित उद्देश्यों में विभाजित किया जा सकता है।
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