COVID-19: कई राज्यों में प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल शुरू, कोरोना वॉरियर्स को दिया जा रहा HCQ टैबलेट

नई दिल्ली। पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत भी कोरोना वायरस ( coronavirus ) से जंग लड़ रहा है। देश में 23 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 1074 लोगों की मौत हो गई है। इस महामारी से बचने के लिए देश में लॉकडाउन ( Lockdown 2.0 ) लागू है। इसके बावजूद कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, कोरोना वायरस के इलाज के लिए अब प्लाज्मा थेरेपी ( Plasma Therapy ) का ट्रायल शुरू हो गया। कुछ राज्यों ने तो इसका इस्तेमाल भी किया है और परिणाम भी अच्छे आए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ( Health Ministry ) ने इस बाबत चेतावनी भी दी है कि अगर सही से इसका इस्तेमाल नहीं हुआ तो परिणाम घातक हो सकते हैं।
महाराष्ट्र ( Maharashtra ) , उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) और मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) में प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल शुरू हो चुका है। हाालंकि, अभी तक एक या दो कोरोना मरीजों पर ही इसका ट्रायल किया गया है। वहीं, इस वायरस से बचने के लिए सभी कोरोना वॉरियर्स को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ( Hydroxychloroquine ) की टैबलेट दी जा रही है। अब धीरे-धीरे कई राज्य इस ओर अपना कदम बढ़ा रहे हैं। हालांकि, कुछ राज्य और केन्द्र शासित राज्य अभी ICMR के अप्रूवल का अभी इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले एक हफ्ते में महाराष्ट्र में एक कोरोना मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड रहे हॉस्पिटल स्टाफ को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट भी दी जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, BMC ने पिछले 15 दिनों में अलग-अलग हॉस्पिटल में अब तक सात लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट बांटे हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि अभी हमने प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल शुरू किया है और परिणाम अच्छे रहे। एक बार ICMR से इसकी इजाजत मिल जाती है तो और गाइडलाइन जारी होने के बाद इसे सिलसिलेवार तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी कोरोना मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल किया गया है।
वहीं, पंजाब सरकार ने भी एक प्राइवेट हॉस्पिटल को प्लाज्मा थेरेपी के ट्रायल की इजाजत दे दी है। लुधियाना के ACP अनिल कोहली के निधन के बाद सरकार ने इसकी इजाजत दी है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में भी प्लाजम थेरेपी का ट्रायल शुरू हो गया है। इसके अलावा कई राज्य कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं मेडिकल स्टाफ को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट दे रहे हैं। फिलहाल, अब सकी नजरें ICMR पर टिकी है, क्योंकि जब तक प्लाजमा थेरेपी को लेकर गाइडलाइन जारी नहीं होगा, तब तक उसका रेगुलर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। हालांकि, एम्स ने भी प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल की योजना बनाई है और अब ICMR के परमिशन का इंतजार है।
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