तमिलनाडु में नहीं थमा कोरोना का कहर, चेन्नई में बने 100 से ज्यादा हॉटस्पॉट
नई दिल्ली। मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद की तरह तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी कोरोना वायरस ( coronavirus ) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि कोरोना से पार पाने के लिए प्रदेश सरकार ने ठंड, बुखार और सांस की समस्याओं के लक्षणों वाले हर व्यक्ति का टेस्ट कर रही है। सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) का पालन भी सख्ती से कराया जा रहा है। बावजूद इसके लिए चेन्नई सहित पूरे तमिलनाडु ( Tamilnadu ) के कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने का काम जारी है।
तमिलनाडु में स्थानीय निकायों द्वारा कोरोना के प्रसार को रोकने और संक्रमितों का पता लगाने के लिए 16 हजार कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है। ये कार्यकर्ता आने वाले 90 दिनों तक लगातार सभी बिल्डिंग्स में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे। कोरोना की प्रसार क्षमता के बारे में डेटा जुटाएंगे।
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स्थानीय निकायों ( Local Body ) ने इन कार्यकर्ताओं को 16 हजार रुपए महीने के वेतन पर भर्ती किया गया है। स्थानीय प्रशासन को लगता है कि यह योजना काफी महत्वपूर्ण और इसलिए वह काफी खुश भी हैं।
इस योजना के बारे में दक्षिण चेन्नई के तिरुवनमियुर में रहने वाली शेरिना कहती है कि 2 बार एक व्यक्ति आया और उसने हमारे नाम, उम्र और खांसी और सर्दी के बारे में जानकारी ली। फिर तीसरी बार एक अलग व्यक्ति आया और उसने फिर से नाम, उम्र पूछा, मगर लक्षणों के बारे में कुछ जानकारी नहीं ली। उन्होंने बताया कि सरकार अच्छे उपाय कर रही है। लेकिन इसे ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है।
इसी तरह वनागरम में रहने वाले बेटमोंक्स टेक्नोलॉजी फैक्ट्री लिमिटेड के सह-संस्थापक डॉ. संथमारई गोकुलकृष्णन सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि वे नियमित रूप से आएंगे लेकिन उसके बाद कोई फॉलोअप नहीं किया जाएगा। उन्होंने हमसे बस इतना ही पूछा कि क्या हमने कोई विदेश यात्रा की है। हालांकि गोकुलकृष्णन कहते हैं कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सरकार को और त्वरित गति से टेस्ट करने चाहिए।
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इस योजना के बारे में चेन्नई ( Chennai ) के निगमायुक्त प्रकाश कहते हैं कि शहर में 20 लाख के लगभग घर हैं। कार्यकर्ताओं ने 18.5 लाख घरों का दौरा किया। इनमें 23 अप्रैल तक 8174 लोगों की पहचान की गई है जिनमें से 463 लोगों का टेस्ट किया गया। उनमें 9 लोग पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा 41 सरकारी और निजी लैब ने टेस्ट की संख्या बढ़ाकर छह हजार प्रतिदिन कर दी है।
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