Indo-US Irritants: मोदी-ट्रंप के व्यक्तिगत संबंध से सुधरेंगे अमरीका-भारत के रिश्ते!

नई दिल्ली। भारत और अमरीका ( America ) के संबंधों में हालिया समय में कुछ दूरियां देखने को मिली है। दोनों देशें के बीच जिस तरह से ट्रेड वॉर ( Trade War ) छिड़ा है, उसे देखते हुए लगता है कि यह संघर्ष कुछ ज्यादा चल सकता है।
हालांकि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) की अगुवाई वाली सरकार ने अमरीका के साथ संबंधों को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए कदम आगे बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) एक-दूसरे को 'बेस्ट फ्रेंड' कहते हैं। लेकिन दोनों ही नेता अपने-अपने देश को पहली प्राथमिकता देते हैं।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मोदी-ट्रंप की दोस्ती भारत-अमरीका के बीच बढ़ती दूरी को कम कर सकते हैं? क्या दोनों देशों के रिश्तों में मोदी-ट्रंप के व्यक्तिगत संबंध से सुधार आ सकता है?
रक्षा सौदों पर भारत-अमरीका में टकराव
भारत और अमरीका के बीच रक्षा सौंदों को लेकर भी टकराव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि भारत पूर्व के मुकाबले हाल के वर्षों में अमरीकी हथियारों की खरीदारी ज्यादा की है। जबकि रूस भारत के लिए हथियारों को सबसे बड़ा निर्यातक रहा है।
भारत अपनी रक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत करने के लिए रूस से s-400 रक्षा मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है। इसको लेकरअमरीका ने आपत्ति दर्ज कराई है।
अमरीका का कहना है कि भारत रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम नहीं खरीदे। लेकिन भारत ने अमरीकी विरोध को दरकिनार करते हुए रूस से S-400 मिसाइल को खरीदने का करार किया है।
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भारत-अमरीका के बीच ट्रेड वॉर
दक्षिण एशियाई देशों में अपने वर्चस्व को बढ़ाने के लिए अमरीका लगातार कोशिश में है। लिहाजा इसका असर भारत और चीन जैसे बड़े देशों के साथ अमरीका के रिश्तों में तनाव आ गया है।
राष्ट्रपति ट्रंप का 'अमरीका फर्स्ट' की नीति भी कई मायनों में अमरीका के साथ बाकी देशों के संबंधों में खट्टास की एक वजह बन रही है।
चीन व भारत के साथ अमरीका के ट्रेड वॉर शुरू हो चुका है। भारत की बात करें तो अमरीका से इस ट्रेड वॉर का फायदा सीधे-सीधे भारत को मिल रह है।
अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत को टैरिफ में छूट की सामान्य व्यवस्था ( GSP ) का लाभ बंद करने की घोषणा बीते दिनों की है। अब ऐसे में अमरीका में भारतीय सामान महंगे हो जाएंगे और भारत को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इससे पहले वॉशिंगटन ने उच्च स्टील और एल्यूमीनियम टैरिफ में छूट देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद भारत ने पिछले साल जून में एक आदेश जारी करते हुए अमरीकी वस्तुओं के आयात कर को बढ़ाकर 120% कर दिया था।
भारत ने एक और कदम उठाते हुए बीते शनिवार को यह घोषणा की थी कि 28 अमरीकी उत्पादों पर टैरिफ लगाया जाएगा। जिन 28 उत्पादों पर टैरिफ लगाया जाएगा उसमें बादाम, सेव, अखरोट आदि शामिल है। यह टैरिफ 16 जून से लागू है।
भारत ने यह कदम अमरीका की ओर से तरजीही देश का दर्जा वापस लेने और भारतीय उत्पादों पर टैरिफ में बढोतरी बढ़ाने के विरोध में उठाया है।
मोदी-ट्रंप के संबंध
ऐसा माना जा रहा है कि मोदी और ट्रंप के व्यक्तिगत संबंध भारत-अमरीका की दूरी को कम कर सकता है। अभी हाल ही में पीएम मोदी के प्रचंड जीत पर ट्रंप ने फोन कर मोदी को बधाई दी थी। इतना ही नहीं ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने भी पीएम मोदी को बधाई दी थी।
इसके अलावे यह पहली बार हुआ था जब पीएम मोदी अमरीका गए थे तो किसी भारतीय प्रधानमंत्री को व्हाइट हाउस में डिनर के लिए व्यवस्था की गई थी और ट्रंप ने खुद मोदी को पूरे व्हाइट हाउस की विशेषता से परिचय कराया था।
मोदी और ट्रंप हर वैश्विक बैठक में हिस्सा लेते हुए एक-दूसरे के साथ द्विपक्षीय बातचीत करते हैं।
अब आने इस महीने के आखिर में जापान में होने वासे G20 सम्मेलन में दोनों नेता भाग लेंगे। दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत की भी संभावना है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मौजूदा समय में भारत-अमरीका के बीच छिड़े ट्रेड वॉर पर दोनों बातचीत कर सकते हैं।
इससे पहले अमरीकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो का 24 जून को भारत दौरा है। जिससे उममीद है कि मोदी-ट्रंप के बीच मुलाकात का एजेंडा तय हो। पोम्पियो पीएम मोदी और विदेशमंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात करेंगे।
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