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देश भर में मनाया जा रहा ईद-उन-फितर का त्योहार, दुनिया में ऐसे हुई ​थी ईद की शुरुआत

नई दिल्ली। देशभर में आज यानी बुधवार को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जा रहा है। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने मंगलवार को चांद दिखाई देने का ऐलान किया था। इसके साथ ही बुधवार को ईद मनाए जाने की बात भी कही थी। वहीं, ईद के चांद का बेसब्री से इंतजार रहे लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।

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नमाज के दौरान अमन-चैन की दुआ

ईद की त्योहार के चलते देश भर की विभिन्न मस्जिदों में नमाज के दौरान अमन-चैन की दुआ मांगी गई। वहीं, मंगलवार को चांद निकलते का ऐलान होते ही बाजारों में अचानक रौनक बढ़ गई। लोग खरीदारी के लिए घरों से निकल पड़े। बच्चों से लेकर महिलाएं और बुजुर्ग तक खरीदारी में मशगूल दिखाई दिए।

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जश्न का दौर

मंगवार शाम चांद के दीदार के साथ ही मुस्लिम परिवारों में ईद का जश्न शुरू हुआ। घरों में अलग-अलग किस्म की सेवई और खाने-पीने के अन्य सामानों की तैयारी की गई। इस्लाम में रमजान का पाक महीना अल्लाह की इबाबत का महीना माना जाता है। महीनों के तीसों दिन मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रख अल्लाह की इबाबत करते हें। सउदी अबर में चांद दिखने के एक दिन बाद भारत में ईद-उल-फितर का त्योहार पूरी खुशियों और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ईद-उल-फितर लोगों के बीच मीठी ईद के नाम से भी प्रसिद्ध है।

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क्यों मनाई जाती है ईद-

इस्लामिक पाक कुरान में ईद मनाए जाने का उल्लेख मिलता है। कुरान के अनुसार रमजान माह के दौरान लगातार 30 दिन तक रोजे रखने और खुदा की इबाबत के बाद अल्लाह ईद के रूप में अपने बंदों को उसका इनाम देते हैं। इस्लाम मेें अल्लाह की ओर से बंदों को मिलने वाली इस बख्शीश को ही ईद-उल-फितर के नाम जाना जाता है।

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समझें कैसे हुई ईद की शुरुआत

इस्लाम धर्म गुरुओं के अनुसार दुनिया में सबसे पहले ईद पैगंबर मुहम्मद सन् 624 ईस्वी में मनाई थी। बताया जाता है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने बद्र की लड़ाई में जीत मिलने की खुशी में पहली बार ईद मनाई थी। इस्लाम के अनुसार ईद की नमाज से पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों को (जकात व फितरे) देना होता है।

 



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