जम्मू-कश्मीर: अमित शाह नहीं करेंगे अलगाववादियों से बात, अरशद खान के परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक () भले ही दावा कर रहे हैं कि घाटी के अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसके लिए तैयार नहीं हैं। अमित शाह जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। बुधवार को अमित शाह ने कई बैठकें की। गुरुवार को अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे का दूसरा और अंतिम दिन है। उन्होंने इस संबंध में अभी तक बातचीत के कोई संकेत नहीं दिए हैं।
बेकार नहीं जाएगा अरशद का बलिदान- शाह
जम्मू-कश्मीर के दौरे के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सबसे पहले श्रीनगर में अनंतनाग के पूर्व एसएचओ और आतंकी हमले में मारे गए अरशद खान के घर पहुंचकर उनके परिवारवालों से मिलेंगे। उन्होंने कहा है कि हम अरशद का बलिदान को बेकार नहीं जाने देंगे। बता दें कि 12 जून को अनंतनाग में आतंकी हमले में अरशद ने अपनी जान गंवाई थी।
#ExpectedToday | Union home minister amit shah to visit the residence of Arshad Khan , SHO Anantnag in Srinagar, who lost his life in Anantnag terror attack on June 12. #JammuAndKashmir (file pic) pic.twitter.com/ezDyvAk7zG
— ANI (@ANI) June 27, 2019
राज्यपाल अलगाववादियों से बातचीत के पक्षधर
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल सत्यपाल मलिक और गृह मंत्री कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से बातचीत के मामले में एकमत नहीं हैं। जबकि राज्यपाल मलिक केंद्र और अलगाववादियों के बीच बातचीत पर गतिरोध को तोड़ने के पक्षधर हैं। वह निकट भविष्य में ऐसी संभावना बनाए जाने की बात कर रहे हैं। मलिक आतंकवाद की कमर तोड़ने के साथ ही अलगाववादियों के साथ खुले तौर पर बातचीत के समर्थक रहे हैं।
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समझौता के लिए नहीं मिला जनादेश
सत्यपाल मलिक की अलगाववादियों से बातचीत वाली सोच केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार की छवि से मेल नहीं खाती है। मोदी सरकार 2.0 का मानना है कि भाजपा को कश्मीर में अलगाववादी नेताओं और आतंकवाद से सख्ती व बिना समझौता किए निपटने के लिए भारी जनादेश मिला है।
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हिंसा के खिलाफ सख्ती के संकेत
बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह अलगाववादी नेताओं के साथ बातचीत को लेकर जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहते हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि शाह अलगाववादी नेतृत्व से हाथ मिलाने के बजाय अलगाववादी हिंसा से लड़कर सूबे में शांति लाने पर ज्यादा ध्यान देंगे। इससे यह छाप भी छोड़ी जा सकेगी कि दिल्ली की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था पहले की व्यवस्थाओं से अलग है।
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सतर्कता बरतने के निर्देश
बता दें कि गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह राज्य के पहले आधिकारिक दौरे पर पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि अमित शाह बाबा बर्फानी के दर्शन भी करेंगे। उन्होंने अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस को हर स्तर पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
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