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चमकी बुखार: मौत का आंकड़ा पहुंचा 160 के पार, आज सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई

नई दिल्ली। चमकी बुखार ( chamki bukhar ) यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस ( aes ) का कहर बिहार में लगातार जारी है। इस बीमारी से पूरे प्रदेश में अब तक 160 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। आलम ये है कि इस गंभीर बीमारी के कारण मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अकेले मुजफ्फरपुर में 130 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

चमकी पर 'सुप्रीम' सुनवाई

चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) को लेकर देश में हाहाकार मचा हुआ है। इस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में मुजफ्फरपुर मामले को लेकर दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। जिस पर बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए हामी भरी थी।

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file photo

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए भरी थी हामी

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि अदालत की तरफ से बिहार सरकार को मेडिकल सुविधा बढ़ाने के आदेश दिए जाएं। साथ ही केंद्र सरकार को भी इस बारे में एक्शन लेने के लिए कहा जाए। मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी सिस्टम इस चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है।

मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा मौत

चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा 130 बच्चों की मौत हुई है। वहीं, हाजीपुर में 11 बच्चों ने दम तोड़ा है। जबकि, समस्तीपुर में 5 और मोतिहारी में 7 बच्चों की चमकी बीमारी ( Chamki Bukhar ) से मौत हो चुकी है। इस बीमारी ने अब तक 16 जिलों में अपना पैर पसार लिया है। भागलपुर, सीवान, मोतिहारी, बेगूसराय, सीतामढ़ी, बेतिया, अररिया जिलो में चमकी बुखार से कई बच्चों की मौत हो चुकी है।

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chamki bukhar

एक डॉक्टर सस्पेंड

इधर, चमकी बुखार से बच्चों की लगातार हो रही मौत के बीच मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ( SKMCH ) के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. भीमसेन कुमार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए केन्द्रीय जांच टीम की भी मुजफ्फरपुर में तैनाती की गई है।

बारिश होते ही घटने लगे आंकड़े

बिहार में मानसून के आते ही बारिश शुरू हो गई है। एसकेएमसीएच के डॉक्टर्स का कहना है कि बारिश होते ही चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) से पीड़ित बच्चों के आने का सिलसिल अचानक थम गया है। बच्चों के नहीं पहुंचने पर डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है। ऐसा कहा जा रहा है कि बारिश होते ही इस बीमारी का प्रकोप कम हो जाता है।



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