अयोध्या मामले पर पांच जजों की बेंच सुप्रीम कोर्ट में आज करेगी सुनवाई

नई दिल्ली। राम जन्म भूमि विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि मध्यस्थता कमेटी अपनी रिपोर्ट 10 मई को सौंप सकती है। पांच जजों की संवैधानिक बेंच इस मामले की सुनवाई होगी। बेंच में सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस.अब्दुल नजीर शामिल हैं। 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी नियुक्त किया था।
Ayodhya Case is listed tomorrow for hearing in the Supreme Court. pic.twitter.com/gY6zM0TSQt
— ANI (@ANI) May 9, 2019
संघ मंदिर निर्माण के लिए बना रहा दबाव
गौरतलब है कि आरएसएस लगातार केंद्र सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बना रहा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत कई बार मोदी सरकार को नसीहत दे चुके हैं। आरएसएस से जुड़े संगठन भी राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ को इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 13 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ के इस विवादित स्थल को इस विवाद के तीनों पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और जिस जगह भगवान राम लला विराजमान हैं, के बीच बांटने का आदेश दिया था। फैसले में कहा गया था कि विवादित भूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटा जाए। जिस जगह रामलला की मूर्ति है वहां रामलला को विराजमान रहने दिया जाए। सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए। बाकी की एक तिहाई जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाए, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या की विवादित जमीन पर हिंदू महासभा ने याचिका दायर कर दी।
विवादित जमीन के मालिकाना हक पर सुनवाई
दूसरी तरफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अर्जी दाखिल कर दी। इसके बाद इस मामले में कई और पक्षकारों ने याचिकाएं लगाईं। कुल 13 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन हैं। सभी याचिकाएं विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर ही है।
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