Breaking News

जब ट्रेन में सीट पाने के लिए कुछ ऐसा कहती थीं विधा वालन, तुरंत खड़े हो जाते थे लोग

नई दिल्ली: अपने पैशन के कारण फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाली विद्या बालन आज बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियों में शामिल हैं। विद्या ने फिल्मों में अपने संजीदा अभिनय से लोगों के बीच खास पहचान बनाई है। आज फिल्म इंडस्ट्री हर कोई उन्हें अपनी फिल्म में लेने को बेकरार रहता है। किसी भी महिला प्रधान फिल्म के लिए निर्देशक की पहली पसंद हैं। ऐसे में आज हम आपको विद्या के संघर्ष के दिनों से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बता रहे हैं। जिसके बारे में खुद विद्या ने बताया था।

दरअसल विद्या बालन एक इंटरव्यू में अपने संघर्ष के बारे में बात की थी। इस दौरान उन्होंने बताया था कि जब शुरुआत में फिल्मों में स्ट्रगल कर रही थीं, तब मुझे दक्षिण भारतीय इंडस्ट्री के एक्‍टर मोहनलाल के साथ मलयालम फिल्म मिली थी। ये फिल्म किसी कारण से बंद हो गई और मुझे मनहूस कहा जाने लगा था। जिसके कारण उन्हें काम मिलना बंद हो गया था।

विद्या के मुताबिक- 'इसी दौरान एक दक्षिण भारतीय फिल्म की कास्टिंग से पहले मेरे जन्म का समय भी मांगा गया था। इसके बाद उन्हें तीन फिल्मों के ऑफर मिले, लेकिन वो सभी भी डिब्बे में बंद हो गईं और उन्हें पनौती कह कर निकाल दिया गया। उन्होंने कहा 'वह दौर मेरे लिए काफी मुश्किलों भरा था, लेकिन मेरे माता-पिता ने मेरा साथ दिया।

ट्रेन में प्रेंग्नेंट होने की करती थीं एक्टिंग

इसके अलावा विद्या बालन ने बताया था कि मैं जब शुरुआत में फिल्मों में स्ट्रगल कर रही थीं, उस दौरान मैं ट्रेन में सफर करते हुए थक जाती थीं तो सीट पाने के लिए कई बार प्रेग्नेंट होने की एक्टिंग करती थीं। जिसके बाद उन्हें अक्सर सीट मिल जाया करती थी।

आपको बता दें कि शुरूआत में विद्या बालन ने कई टेलीविजन एड में काम किया। 2003 में विद्या बालन ने बंगाली फिल्म 'भालो थेको' में लीड रोल प्ले किया था। इसक बाद साल 2005 में फिल्म 'परिणिता' ने विद्या बालन की जिंदगी बदल दी। अपने 13 साल के करियर में विद्या ने बॉलीवुड में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इसके बाद फिल्म 'भूल भुलैया' से लेकर 'द डर्टी पिक्चर' के बोल्ड कैरेक्टर तक या फिर 'कहानी' की दमदार अदाकार तक विद्या ने अपने हर रोल में जान भर दी।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments