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कभी सीमेंट फैक्टरी में काम करते थे विजय सेतुपति, जानें क्यों रखा गया इन पर 1001 का इनाम

विजय सेतुपति की जीवनी विजय सेतुपति आज एक फेमस एक्टर तो हैं ही साथ ही ये प्रोड्यूसर , लिरिक्सिस्ट और डायलॉग राइटर भी हैं। आज विजय सेतुपति के नाम पर कई हिट फिल्में हैं और लोग उनकी एक्टिंग के फैन हैं लेकिन शुरू से ऐसा नहीं था। विजय सेतुपति के परिवार में न तो कोई फिल्म इंडस्ट्री से है और न ही उनके इस इंडस्ट्री में कोई कनेक्शन थे। यहाँ तक कि फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले विजय ने कोई ऐसा काम नहीं किया था जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ हो।

विजय सेतुपति का जन्म 16 जनवरी 1978 तमिलनाडु में हुआ था। विजय सेतुपति ने अपने खर्चों के लिए कई तरह की नौकरी की है जिसमें सेल्समेन , फोन बूथ ऑपरेटर , कैशियर आदि शामिल हैं। अपना कॉलेज खत्म करने के बाद विजय एक सीमेंट फैक्ट्री में अकाउंट असिस्टेंट का काम करने लगे।

इसके बाद वे दुबई काम करने चले गए जहां उन्हें भारत के मुक़ाबले चार गुना ज्यादा सैलरी मिलती थी। साल 2013 में विजय जो नौकरी कर रहे थे उससे नाखुश थे और कुछ नया करना चाहते थे। तभी उन्हें याद आया कि किसी ने उन्हें कहा था कि तुम्हारा चेहरा फोटोजेनिक है।

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इस बात ने उन्हें मोटिवेट किया और उन्होने एक्टिंग को अपने करियर के रूप में चुना। साल 2006 में जब वे भारत में रहा करते थे तब विजय ने एक थिएटर ग्रुप जॉइन किया था। उस समय उन्हें कई फिल्मों में छोटा - मोटा रोल करने को भी मिला था लेकिन उस रोल का उन्हें कोई क्रेडिट नहीं दिया जाता था।

विजय सेतुपति के एक्टिंग करियर की शुरुवात साल 2010 में फिल्म Thenmerku Paruvakaatru से होती है। इस फिल्म में इन्हें लीड रोल मिला और इनकी एक्टिंग को सभी ने नोटिस किया। इसके बाद से इनका एक्टिंग करियर शुरू हो गया और एक के बाद एक कई फिल्में इन्हें मिलने लगी।

क्या है विजय सेतुपति पर 1001 के इनाम का मामला

यह घटना हाल ही कि है जब एयरपोर्ट पर विजय सेतुपति और उनकी टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरों का आरोप था कि विजय सेतुपति ने उऩकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इस पर हिंदू समर्थक समूह, हिंदू मक्कल काची के सदस्य अर्जुन संपत ने एक ट्वीट में लिखा है कि अभिनेता विजय सेतुपति ने अय्या थेवर का अपमान किया है। जब तक विजय सेतुपति अपनी गलती की माफी न मांगे, तब तक उन्हें लात मारते रहने पर हर एक लात के लिए 1001 रुपये का इनाम दिया जाएगा।

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दरअसल विजय सेतुपति को दक्षिण भारत में धार्मिक आस्था का प्रतीक थेवर अय्या के एक कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला था। जिसमें शामिल होने से विजय ने मना कर दिया था।



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