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मैं बर्बाद हो गया, सिर्फ तुम मुझे बचा सकते हो- जब इस शख्स से हाथ जोड़कर बोले थे नशे में धुत शोमैन राज कपूर

नई दिल्ली: दिग्गज, अभिनेता, निर्माता-निर्देशक ‘शोमैन’ कहे जाने वाले राज कपूर (Raj Kapoor) को कोन नहीं जानता है। पृथ्वीराज कपूर (Prathvi Raj Kapoor) के बेटे राज कपूर ने हिंदी सिनेमा में बड़ा योगदान रहा है। राज कपूर ने जहां अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों को जीता था। वहीं, उन्होंने फिल्म निर्माण और निर्देशन के क्षेत्र में भी काम किया और कई शानदार फिल्में हिंदी सिनेमा को दी। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कभी राज कपूर भी बर्बादी की कगार पर आकर खड़े हो गए थे। जिसके कारण उन्होंने नशे में धुत एक राइटर से हाथ जोड़कर रोते हुए कहा था- मैं बर्बाद हो गया हूं।

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‘मेरा नाम जोकर’ सबसे बड़ी फ्लॉफ

दरअसल राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ सबसे बड़ी फ्लॉफ रही थी। ये फिल्म साल 1970 में आई थी और इस फिल्म से राज को बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन फिल्म औंधे मुंह गिर गई थी। इसके खराब प्रदर्शन से राज कपूर को बड़ा झटका लगा था। उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। बर्बाद की कगार पर आ गए थे। परेशान राज कपूर दिन-रात नशे में रहने लगे थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या करें। लेकिन एक दिन उन्हें होश में ख़्वाजा अहमद अब्बास का नाम आया। जो राज कपूर के दोस्त और सबसे प्रिय राइटर थे।

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बस एक ही रट लगा रहे थे कि, मैं

अली पीटर जॉन ने मायापुरी मैग्जीन में बताया है कि नशे के हालात में ही राज कपूर अब्बास के कार्यालय में निकल पड़े, जो कि पांचवीं मंजिल पर था, वहां कोई लिफ्ट भी नहीं थी। राज कपूर इतने नशे में थे कि किसी तरह उनके मैनेजर बिबरा और एक अन्य दोस्त ने उन्हें अब्बास के कार्यालय तक पहुंचाया था। अब्बास राज कपूर को देख हैरान रह गए थे।

शराब से नफरत करने वाले अब्बास के कार्यालय में शराब पीकर कोई नहीं जा सकता था, लेकिन राज कपूर जब पहुंचे तो उनकी हालत देखकर अब्बास उन्हें अंदर आने से मना नहीं कर सके। राज कपूर हाथ जोड़े और आंखों में आंसू लिए अब्बास को देखते ही, बस एक ही रट लगा रहे थे कि, मैं बर्बाद हो गया, सिर्फ तुम मुझे और आरके स्टूडियोज को बचा सकते हो।

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तीन दिन बाद अब्बास ने कहानी लिखी

दरअसल राज कपूर अब्बास से एक और फिल्म की कहानी लिखवाना चाहते थे। अब्बास ने राज के हालात को देखते हुए उनसे कहा कि वह तीन दिन में एक कहानी लिखकर देंगे। राज ने अब्बास को बता दिया था कि उनके पास और कोई रास्ता नहीं है, वह ऋषि कपूर के साथ फिल्म बनाना चाहते हैं और इसके लिए ही अब्बास को कहानी लिखने के लिए कहा था।

तीन दिन बाद अब्बास ने कहानी लिखकर राज को दे दी और ये फिल्म बॉबी थी। यह फिल्म साल 1973 में आई थी और इससे ऋषि कपूर एवं डिम्पल कपाड़िया ने हिंदी सिनेमा में अपने कदम रखे थे। ये फिल्म हिट रही थी। ये फिल्म राज कपूर की करियर की रेलगाड़ी को पटरी पा ले आई थी।

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