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जब मीना कुमारी ने डाकू के हाथ पर नुकीले चाकू से लिख दिया अपना नाम, कार से उतरने के लिए कर दिया था मना

नई दिल्ली ।बॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक रही मीना कुमारी ने कई ऐसी फिल्में दी हा जो सुपरहिट होने के साथ यादगार बन गई है। उन्ही में से एक फिल्म है पकीजा, इस फिल्म का नाम जब जब लिया जाएगा तब तब अभिनेत्री का जिक्र जरूर किया जाएगा। फिल्मों के जानकार भी इस बात को मानते हैं कि , ''जिस तरह से शाहजहां ने ताजमहल बना कर मुमताज़ के नाम को हमेशा-हमेशा के लिए अमर कर दिया, वैसे ही कमाल अमरोही ने 'पाकीज़ा' बना कर मीना कुमारी को अमर बना दिया।''

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मीना कुमारी भले ही अपने पति कमाल अमरोही के साथ अलग रह रही थीं लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अमरोही की फिल्म पाकीज़ा में काम किया। इस फिल्म की शूटिंग के ही दौरान मीना कुमारी के साथ एक दिलचस्प घटना घटी। विनोद मेहता ने एक इटरव्यू में इसका खुलासा करते हुए बताया था कि , ' जब भी कमाल अमरोही आउटडोर शूटिंग पर जाते थे वो दो कारों पर जाया करते थे। एक बार दिल्ली की शूटिंग पर जाने के दौरान मध्यप्रदेश में शिवपुरी के पास उनकी कार का पैट्रोल खत्म हो गया। वो रात के अंधेरे में बीच सड़क पर ही रूकने को मजबूर हो गए।

'अमरोही को इस बात की खबर तक नही थी कि यह इलाका डाकूओं के लिए जाना जाता था। आधी रात के बाद करीब एक दर्जन डाकुओं ने उनकी कारों को घेर लिया। और सभी को कार से उतरने के लिए कहा। लेकन कमाल अमरोही के साथ चल रही मीना कुनारी ने कार से उतरने से इनकार कर दिया और कहा कि जो भी मुझसे मिलना चाहता है, मेरे पास आए।'

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'डाकूओं ने पूछा, 'आप कौन हैं ?' अमरोही ने जवाब दिया, 'मैं कमाल हूं और इस इलाके में शूटिंग कर रहा हूं। लेकिन कार का पैट्रोल खत्म होने के कारण हमें यहां रूकना पड़ा है। पहले तो डाकू को लगा कि वो रायफल शूटिंग की बात कर रहे हैं।' 'लेकिन जब डाकुओं के सरदार को बताया गया कि ये फिल्म शूटिंग है और कार में कोई साधारण महीला नही बल्कि सुपरस्टार रही मीना कुमारी भी बैठी है, तो डाकू के हावभाव ही बदल गए। उसने मीना कुनारी को देखते ही तुरंत संगीत, नाच और खाने का इंतेजाम कराया। उन्हें रात को ठहरने की जगह दी और सुबह उनकी कार के लिए पेट्रोल भी मंगवा दिया।

जब मीना कुमारी कार में बैठने लगी तब डाकू ने पास आकर कहा कि वो मेरे हाथ पर नुकीले चाकू से अपना नाम लिख दें। ये सुनकर सभी सन्न रह गए। मीना कुमारी ने काफी डरते हुए ऑटोग्राफ दिया। बाद में जा कर उन्हें पता चला कि वो डाकू कोई और नही बल्कि उस समय का मध्यप्रदेश का नामी डाकू अमृत लाल था।'



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