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Kargil vijay diwas: खराब मौसम के चलते द्रास नहीं जाएंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गुलमर्ग में शहीदों को करेंगे नमन

नई दिल्ली। देश आज करगिल विजय दिवस (Kargil vijay diwas) की 22वीं सालगिरह मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन सभी को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए कारगिल में अपनी जान गंवाई। विजय दिवस के मौके पर हर साल करगिल के द्रास में स्थित वॉर मेमोरियल पर खास कार्यक्रम होता है। सोमवार को यहा पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और अन्य वरिष्ठ लोग खास कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले थे। लेकिन खराब मौसम के चलते राष्ट्रपति नामनाथ कोविंद का द्रास दौरे को रद्द हो गया है। राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए कार्यक्रम स्थल से लेकर कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है।

अब गुलमर्ग में शहीदों को करेंगे नमन
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पहुंचे थे। उनका यहां चार दिवसीय दौरा था। बताया जा रहा है कि खराब मौसम के कारण राष्ट्रपति का द्रास कार्यक्रम रद्द दिया गया। जोजिला में खराब मौसम के कारण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्रास नहीं जाएंगे। वह अब गुलमर्ग के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का दौरा करेंगे। शहीदों को नमन और सैनिकों से बातचीत करेंगे। इसके अलावा वह श्रीनगर की डल झील के किनारे स्थिति एसकेआईसीसी में 27 जुलाई को आयोजित होने वाले कश्मीर विश्वविद्यालय के 19वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे।

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2019 में भी कार्यक्रम में नहीं हुए थे शामिल
करगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ के मौके पर आज राष्ट्रपति को करगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लद्दाख के द्रास जाने वाले थे। बताया जा रहा है कि खराब मौसम के चलते राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर वहां नहीं जा सकेगा इसलिए यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। आपको बता दें कि साल 2019 में भी खराब मौसम के कारण राष्ट्रपति कारगिल विजय दिवस में शामिल नहीं हो पाए थे।

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1999 में मई से जुलाई के बीच हुई थी जंग
आपको बता दें कि साल 1999 में करगिल की पहाड़ियों पर भारत और पाकिस्तान के बीच जंग लड़ी गई थी। पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ कर कई भारतीय इलाकों पर कब्जा जमा लिया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। ये लड़ाई जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में साल 1999 में मई से जुलाई के बीच हुई थी। 26 जुलाई को भारत ने जीत हासिल की थी। इस दिन भारतीय सेना ने कारगिल में अपनी सभी चौकियों को वापस पा लिया था।



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