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गुलशन हत्याकांड में हाई कोर्ट ने रखी रऊफ की उम्रकैद बरकरार, मंदिर के बाहर दागी थीं 16 गोलियां

नई दिल्ली। गुलशन मर्डर केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। गुलशन कुमार के हत्या मामले में पाए गए दोषी अब्दुल रऊफ उर्फ दाउद मर्चेंट की सजा कोर्ट ने बरकरार रखा है। उसे सेशन कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुना दी है। यही नहीं हाई कोर्ट ने ये भी साफ शब्दों में कहा कि अब्दुल रऊफ पर किसी भी तरह की उदारता का हकदार नहीं है। वो पहले भी पैरोल का बहाना कर बांग्लादेश भाग गया था।

राशिद मर्जेंट को हुई उम्रकैद

खबरों की मानें तो रऊफ के भाई राशिद मर्जेंट को भी उम्रकैद की सजा सुना दी गई है। इसे पहले सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था। आपको बता दें 12 अगस्त 1997 में मुंबई के जुहू इलाके में टी-सीरिज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार की हत्या कर दी ई थी। उस वक्त गुलशन कुमार मंदिर के बाहर खड़े थे और उन्हें 16 गोलियां मारी गई थी। गुलशन कुमार हत्या मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। जिन पर अभी भी मुकदमा चल रहा है।

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गुलशन कुमार के दोषी ने की भागने की कोशिश

अब्दुल रऊफ को भी गुलशन कुमार मर्डर में दोषी पाया गया था। अप्रैल 2002 में उसे कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद साल 2009 में पैरोल लेकर बाहर आया था। जिसका फायदा उठाकर वो बांग्लादेश भाग गया था। जिसके बाद उसे बांग्लादेश से भारत वापस लाया गया था।

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प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के खिलाफ दायर की महाराष्ट्र सरकार ने याचिका

बॉम्बे हाई कोर्ट में गुलशन कुमार से जुड़ी चार याचिकाएं दी गई थीं। जिनमें से तीन में अब्दुल रऊफ, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी कहने के खिलाफ थी। वहीं चौथी याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की थी। जो कि प्रोड्यूसर रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी। आपको बता दें रमेश तौरानी पर हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था।



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