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नारद केस: सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी को राहत, HC के आदेश को किया रद्द

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नारद स्टिंग मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राहत दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक के हलफनामे को नहीं लेने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने ममता बनर्जी को नए सिरे से कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा है कि वो इन अर्जियों पर फिर से विचार करे और इसके बाद ही मामले में आगे सुनवाई करे।

आवेदनों पर नए सिरे से करे विचार
न्यायमूर्ति विनीत शरण और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की आवकाशकालीन पीठ ने हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ से आग्रह किया कि सीबीआई की याचिका पर फैसला करने से पहले पश्चिम बंगाल राज्य, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक के आवेदनों पर नए सिरे से विचार करे। कोर्ट ने ममता, पश्चिम बंगाल सरकार और कानून मंत्री को हाईकोर्ट में नया आवेदन दाखिल करने को कहा।

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अलग अलग याचिकाओं पर की सुनवाई
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मलय घटक ने कलकत्ता हाई कोर्ट में नारद स्टिंग मामले में हलफनामा दाखिल करने की इजाजत नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पीठ ने ममता और मलय घटक द्वारा दायर अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा कि राज्य सरकार और घटक की याचिका पर विचार करने के बाद ही मामले की सुनवाई की करे।
नारद स्टिंग से जुड़े मामले में सीबीआई ने 17 मई को तृणमूल कांग्रेस के 4 नेताओं की गिरफ्तारी के दिन मुख्यमंत्री ममता और कानून मंत्री मलय घटक की भूमिका पर उन्हें हलफनामे दाखिल करने की अनुमति देने से कलकत्ता उच्च न्यायालय के इनकार कर दिया था।

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29 जून तक हाईकोर्ट में करे आवेदन
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कि याचिकाकर्ता सोमवार 29 जून तक हाईकोर्ट में आवेदन दें। उसकी कॉपी एडवांस में 27 जून तक CBI तक पहुंचाए। CBI को भी 29 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है और उसकी कॉपी याचिकाकर्ता को 28 जून तक एडवांस में देने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलकत्ता हाइकोर्ट का 9 जून का आदेश रोका जा रहा है।



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