Breaking News

महाराष्ट्र : अजित पवार का बड़ा ऐलान, आषाढी वारी के लिए 10 पालकियों की अनुमति

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने राज्य में आषाढी वारी को लेकर एक अहम ऐलान किया है। कोरोना के बढ़ते संकट के बीच आषाढ़ी वारी के लिए राज्य की दस सबसे महत्वपूर्ण पालकियों को ही अनुमति दी गई है। इन पालकियों को बसों से जाने की अनुमति दी गई है और उन्हें 20 बसें दी जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि कैबिनेट में यह फैसला लिया गया है। उन्होंने राज्य सरकार को इसके बारे में अवगत करवाया और कल मंत्रिमंडल की बैठक हुई है। पवार ने कहा कि सभी दस महत्वपूर्ण पालकियों को आषाढ़ी वारी के लिए बस से गुजरने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया।

 

यह भी पढ़ें :— भारतीय वैज्ञानिक दंपती ने खोली चीन की पोल : वुहान लैब से लीक हुआ कोरोना वायरस, शोध में दी ये अहम जानकारी

10 पालकियों को मुहैया कराई जाएंगी 20 बसें
उपमुख्यमंत्री पवार ने बताया कि इन दस पालकियों को वारी पहुंचने के लिए 20 बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। पालकी के साथ आने वाले सभी लोगों का RTPCR टेस्ट किया जाएगा। इसके साथ ही सभी को कोरोना के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इसलिए 100 लोगों को देहु-आलंदी की पालकी के साथ जाने की इजाजत दी गई। उन्होंने बताया कि इन सभी पालकियों को कोरोना के नियमों का पालन करने की शर्त पर ही इजाजत मिली है।

यह भी पढ़ें :— एक्सपर्ट ने वैक्सीनेशन के हालात पर जताई चिंता, कहा- समय रहते नहीं सुधरे तो भयानक होगी तीसरी लहर!

पैदल चलना मना, शर्तों पर अखाड़ा-रथोत्सव की अनुमति
उन्होंने कहा कि वारी को पैदल चलने की अनुमति नहीं दी गई है। पालकी पैदल चली तो लोग उत्साह में पालकी के चारों ओर भीड़ लगा देंगे। ऐसे में कोरोना नियम का पालन नहीं हो सकता। भीड़ लग जाने संक्रमण का बढ़ सकता है। इसलिए उन्हें चलने की अनुमति नहीं दी गई है। इस बीच उन्होंने कहा कि विट्ठल मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। मन की पालकियों में केवल वारकरी ही मंदिर जा सकते हैं। दूसरों को यह कहने की अनुमति नहीं है कि अखाड़ा और रथ उत्सव को प्रतिबंधों के साथ अनुमति है। इसलिए किसी की भीड़ न हो।

इन 10 पालकियों को मिली अनुमति...

1. संत निवृति महाराज (त्र्यंबकेश्वर)
2. संत ज्ञानेश्वर महाराज (आलंदी)
3. संत सोपान काका महाराज (सासवद)
4. संत मुक्ताबाई (मुक्ताईनगर)
5. संत तुकाराम महाराज (देहु)
6. संत नामदेव महाराज (पंढरपुर)
7. संत एकनाथ महाराज (पैठन)
8. रुक्मिणी माता (कौदनेपुर-अमरावती)
9. संत नीलोबाराई (पिम्पलनेर - परनेर अहमदनगर)
10. संत चंगतेश्वर महाराज (सासवद)



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments