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ममता बनर्जी ने चक्रवात यश से सतर्क रहने को उठाए जरूरी कदम, आधा दर्जन राज्यों में दिखेगा असर

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और जिला प्रशासन को 23 और 26 मई के बीच आने वाले चक्रवाती तूफान 'यश' से निपटने के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने को कहा। क्षेत्रीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि सुपर साइक्लोन यश के 23 मई से 26 मई के बीच राज्य के सुंदरवन क्षेत्रों में दस्तक देने और संभवत: बांग्लादेश की ओर बढऩे की संभावना है। आपको बता दें कि इस चक्रवात का असर देश के आधा दर्जन पूर्वी राज्यों में देखने को मिल सकता है।

दवाओं और भोजन पर्याप्त स्टॉक रहे
राज्य और जिला प्रशासनिक अधिकारियों की एक आभासी बैठक की अध्यक्षता करते हुए ममता ने उन्हें दवाओं, पीने के पानी, सूखे भोजन और तिरपाल के पर्याप्त स्टॉक की व्यवस्था करने के लिए कहा। उन्होंने उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन टीम और पुलिस दोनों की ओर से पर्याप्त बल क्षेत्र में तैनात किया गया है।

सभी डीएम को दी चेतावनी
एक अधिकारी ने कहा, सभी चक्रवात केंद्रों और आश्रयों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। जिलाधिकारियों को चेतावनी के मद्देनजर सभी एहतियाती उपाय करने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन को मछुआरों को समुद्र में न जाने के लिए सावधान करने के लिए कहा गया है। कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चक्रवात यश से निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रहा है।

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बंगाल के साथ इन राज्यों में दिखेगा यश का असर
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बन रहे यश चक्रवात से अंडमान और निकोबार के कई इलाकों में 22 और 23 मई को हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल और ओडि़शा के अधिकांश हिस्सों में 25 मई की शाम से हल्की से मध्यम बारिश की आशंका जताई गई है। चक्रवाती तूफान यश की तीव्रता दिन गुजरने के साथ बढ़ेगी। जानकारों की मानें तो असम, मेघालय से लेकर बिहार, झारखंड तक इसका असर देखने को मिल सकता है।

क्या है यश का मतलब
बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात का यश नाम ओमान ने रखा है, जिसका मतलब है निराशा। वास्तव में चक्रवात के नाम रोटेशन के आधार पर अलग-अलग देश द्वारा दिए जाते हैं। इसकी शुरुआत अटलांटिक क्षेत्र में साल 1953 की एक संधि के दौरान हुई थी। हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने भारत की पहल पर साल 2004 से चक्रवातीय तूफानों को नाम देने की शुरुआत की। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान के अलावा थाईलैंड शामिल हैं।



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