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चारधाम यात्रा स्थगित, बिना तीर्थयात्रियों के हो रही भगवान की पूजा

नई दिल्ली।

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। विभिन्न राज्यों के साथ-साथ उत्तराखंड में भी हालात खराब हैं। यहां हजारों नए केस रोज सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कई मरीजों की मौत भी हो रही है, जिससे डर का माहौल अब भी बना हुआ है। मरीजों की संख्या और बढ़ती मौतों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने भी राज्य में लॉकडाउन लगा रखा है और गाइडलाइन जारी की है, जिसका सख्ती से पालन कराया जा रहा है।

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से राज्य में पर्यटन और तीर्थ स्थल भी सूने नजर आ रहे हैं। सोमवार 17 मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले गए, मगर इस बार वहां तीर्थयात्री नहीं थे। इन सबके बीच खबर यह भी है कि कोरोना महामारी को देखते हुए चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। इससे बिना तीर्थयात्रियों के ही मंदिर में अनुष्ठान और पूजन किए जा रहे हैं।

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बता दें कि 11वें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई दिन सोमवार को सुबह पांच बजे विधि-विधान के साथ हुई पूजा के बाद खुल गए। इस दौरान सिर्फ तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज और मंदिर प्रशासन से जुड़े लोगों की ही वहां मौजूदगी रही।

सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सोमवार को प्रातः 5 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना और अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए हैं। मेष लग्न के शुभ संयोग पर मंदिर का कपाटोद्घाटन किया गया। मैं बाबा केदारनाथ से सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं।

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केदारनाथ के मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है। मंदिर में पहली पूजा पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से हुई। बता दें कि कोरोना की वजह से केदारनाथ मंदिर में अभी भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए इस बार चारधाम यात्रा में आम लोगों के आने पर पाबंदी रहेगी। मंदिर परिसर में न तो प्रसाद बांटने की इजाजत होगी और न ही टीका लगाने की. गर्भगृह तक सिर्फ मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को ही जाने की अनुमति रहेगी। उसमें भी मूर्ति, घंटी या धार्मिक ग्रंथों को छूने की इजाजत नहीं मिलेगी।



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