Breaking News

जब पंकज उधास के सिर पर तान दी थी बंदूक, कहा था- 'अब गजल सुनाओ'

नई दिल्ली। दिग्गज गजल गायक पंकज उधास का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 17 मई 1951 में गुजरात के राजकोट में बुआ था। पंकज उधास ही नहीं बल्कि उनके भाई मनहर उधास भी बेहतरीन गायक थे। यही वजह है कि बचपन से ही पंकज उधास को संगीत के माहौल में रहने का मौका मिला। उन्होंने अपनी बेहतरीन गायिकी और गजल से लोगों का दिल जीता और इंडस्ट्ररी में अपना नाम बनाया। अक्सर पंकज उधास स्टेज शो भी करते हुए नज़र आते हैं। जहां अक्सर वह लोगों की फरमाइशों को वह पूरा करते हुए दिखाई देते हैं। लेकिन कभी-कभी पंकज उधास को बड़े ही अजीबों गरीब लोग भी मिल जाते हैं। आज हम आपको पकंज उदास से जुड़ा एक ऐसा किस्सा सुनाने जा रहे हैं। जिसे सुन आप भी हैरान हो जाएंगे।

पंकज उधास के सिर पर रख दी थी बंदूक

एक इंटरव्यू में पंकज उधास ने बताया था कि कैसे एक महफिल में उन पर चंद लोगों ने बंदूक तान दी थी। पंकज उधास बतातें हैं कि 'वह एक महफिरल में गजल गा रहे थे। वह लगभग 4 से 5 गजल गा चुके थे। तभी उनके पास एक शख्स आए और बोलें भई यह गजल अभी गा दो। पंकज उधास को उस व्यक्ति का व्यवहार अच्छा नहीं लगा तो उन्होंने जवाब में कहा कि क्यों अभी सुनाऊं भई , मैं किसी का गुलाम तो हूं नहीं कि जब आप बोलोगे तो मैं गा दूंगा।' पंकज उधास ने आगे बताया कि 'थोड़ी देर बाद उन्होंने देखा कि उस व्यक्ति ने जेब से एक बंदूक निकाली और बंदूक उन्हें दिखाने लगे। पंकज कहते हैं कि 'बंदूक देख उनकी जो हालत हुईं वह किसी को बयां भी कर सकते।'

गायक हरिहन ने भी जताई सहमति

वैसे आपको बता दें पंकज उधास ही नहीं बल्कि मशहूर गायक हरिहरन भी ऐसी परिस्थिति से गुजर चुके हैं। हरिहरन पंकज उधास के किस्से पर सहमति जताते हुए कहा था कि 'ये बिलकुल होता है। एक बार उनसे कजरारे कजरारे गाने की फरमाइश की गई थी। लेकिन वह कहते हैं कि उनसे जो भी गाना गाने को कहता है कि वह गा लेते हैं लेकिन उनकी एक ही शर्त होती है कि उन्हें कोई डिस्टर्ब ना करें। हरिहन बतातें हैं कि उन्होंने उस शख्स की फरमाइश पूरी की।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments