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विराफिन दवा से 7 दिन में कोरोना का मरीज ठीक होने का दावा, आपात इस्तेमाल के लिए मिली मंजूरी

नई दिल्ली। महामारी कोरोना वायरस की बेकाबू रफ्तार से देश में बड़ी संकट पैदा हो गया है। सरकार अपने स्तर पर काफी कोशिशें कर रही है लेकिन कोरोना के खिलाफ कोई भी कामगार साबित नहीं हो रही है। रोजाना कोरोना के मरीजो की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अहमदाबाद की दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला की विराफिन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। अब कोरोना पीडितों के इलाज में विराफिन का इस्तेमाल किया जाएगा। कंपना का दावा है कि कोरोना मरीजों के इलाज में विराफिन बेहद कारगर साबित होगी। कंपनी का यह भी कहना है कि अगर मरीज इस दवा का लगातार सेवन करे तो एक सप्ताह में वह ठीक हो जाएंगे। जायडस कैडिला का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए वह जल्द ही सभी अस्पतालों को विराफिन मुहैया कराई जा रही है।

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सांस लेने में होने वाली परेशानी कमी
कंपनी का कहना है कि देशभर में कोरोना के मरीजों की बढ़ रही संख्या पर लगाम लगाने लिए विराफिन दवा बहुत ही कामगार साबित हो रही है। कोरोना के मामूली लक्षण वाले मरीजों को यह दवा दी जाए तो इसका तेज असर देखने को मिलता है। अगर कोरोना संक्रमित मरीज की हालत गंभीर है तो यह दवा उसकी जान बचाने के लिए बहुतपूर्ण है। कंपनी ने कहा कि मेडिकल स्पेशलिस्ट के सुझाव के बाद ही विराफिन कोरोना मरीजों की दी जाए। इस दवा का सेवन करने के बाद सांस लेने में होने वाली परेशानी से आराम मिलता है। फिराफिन के सेवन से मरीजों की हालत में काफी तेजी से सुधार देखने को मिला है। इसके बाद ही इस दवा को कोरोना मरीजों को देने के लिए अनुमति मिली है।

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ऑक्सीजन की कम जरूरत पड़ेगी
कैडिला हेल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. शर्विल पटेल का कहना है कि PegIFN दवा मरीजों को शुरू में दी जाए तो वायरस को रोकने में मदद मिलती है। क्लीनिकल ट्रायल्स में भी साबित हो चुका है। पटेल ने कहा कि अगर इस दवा का सेवन नियमित रूप से किया जाए तो मरीज के 7 दिनों में ठीक होने के 68.18 प्रतिशत संभावना है। वहीं जबकि विराफिन लेने के बाद 80.36 प्रतिशत ठीक होने चांस है। कंपनी के मुताबिक, परीक्षण के दौरान मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की कम जरूरत भी पड़ी। इससे यह स्पष्ट है दवा सांस की तकलीफ को काबू करने में सक्षम है जो कोविड-19 के इलाज में एक बड़ी चुनौती है। कोरोना के इलाज में एंटी- वायरल दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है। जिसमें रेमडेसिविर जैसी महंगी दवाएं शामिल हैं। वहीं, विराफिन के सिंगल डोज से मरीजों पर असर नजर आ रहा है। दूसरी दवाओं के मुकाबले यह कम खर्चीली और किफायती है।



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