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रफाल सौदे में क्लाइंट गिफ्ट के नाम पर 5,08,925 यूरो का किया गया संदिग्ध भुगतान

नई दिल्ली। रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर विवाद जारी हैं। फ्रांसीसी न्यूज वेबसाइट मीडिया पार्ट का दावा है, फ्रांसीसी निर्माता कंपनी दसॉ एविएशन को भारत में एक बिचौलिए को 1 मिलियन यूरो बतौर गिफ्ट देने पड़े थे। हालांकि, ऑडिट में 5,08,925 यूरो की रकम गिफ्ट टू क्लाइंट्स के रूप में सामने आई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है।

भारत की डिफसिस कंपनी का नाम... रिपोर्ट में बताया गया कि इस खर्च पर मांगे गए स्पष्टीकरण पर दसॉ एविएशन ने एएफए को 30 मार्च 2017 का बिल मुहैया कराया जो भारत की कंपनी डिफसिस सॉल्यूशंस की तरफ से दिया गया था। यह बिल रफाल विमान के 50 मॉडल बनाने के लिए दिए ऑर्डर का आधे काम के लिए था। इस काम के लिए प्रति नग 20,357 यूरो की राशि का बिल थमाया गया।

अगस्ता-वेस्टलैंड मामले में गिरफ्तार हो चुका है गुप्ता... डिफसिस कंपनी दसॉ की भारत में सब-कॉन्ट्रैक्टर कंपनी है। इसका स्वामित्व रखने वाले परिवार से जुड़ा सुषेण गुप्ता रक्षा सौदों का बिचौलिया है। यह दसॉ का एजेंट भी है। सुषेण को 2019 में अगस्ता-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार भी किया थ ा। मीडिया पार्ट के अनुसार सुषेण ने ही दसॉ एविएशन को मार्च 2017 में राफेल मॉडल बनाने के काम का बिल दिया था।

कोर्ट से हरी झंडी-
रफाल विमान खरीद सौदे के फैसले के खिलाफ लगाई अर्जी को भारत की सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में खारिज कर कहा था कि इस मामले में एफआइआर या जांच की जरूरत नहीं है।

रफाल के मॉडल बनाने के नाम पर-
एएफए ने दसॉ के खातों का ऑडिट किया। मीडिया पार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, खुलासा होने पर दसॉ ने सफाई में कहा था कि इस रकम का इस्तेमाल रफाल के 50 बड़े मॉडल बनाने में हुआ था, लेकिन ऐसे कोई मॉडल बने ही नहीं थे। दरअसल, फ्रांस में 2018 में एक एजेंसी पार्के नेशनल फाइनेंसियर (पीएनएफ) ने इस डील में गड़बड़ी की बात कही थी, तभी ऑडिट करवाया गया और ये बातें सामने आई थीं।

गिफ्ट टू क्लाइंट्स... एएफए इंस्पेक्टरों को दसॉ के अकाउंट से 2017 में 5,08,925 यूरो (करीब 4 करोड़ 39 लाख रुपए) का गिफ्ट टू क्लाइंट्स के नाम संदिग्ध भुगतान मिला।

मात्र एक मिनट में 50 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचता है ।
रफाल रक्षा सौदा 60 हजार करोड़ से अधिक का है ।
10 लाख यूरो भारतीय बिचौलिए को देने का आरोप है।
रफाल में लगी हैमर मिसाइल 150 किलोमीटर तक के टारगेट को ध्वस्त कर सकती है ।
रफाल 1,670 करोड़ रुपए प्रति विमान की दर से खरीदा गया है ।



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