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श्रमिक दिवस 2021 : मजदूरों के लिए सरकार चला रही हैं ये योजनाएं

नई दिल्ली। हर साल एक मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना महामारी के बीच मजदूर दिवस मनाया जाएगा। पिछले साल जहां पूरा देश इस महामारी की चपेट में आ गया था। उस दौरान अपने देश में भी मजदूरों की कुछ ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिनको देखकर हर किसी की आंखों में आंसू आ गए थे। इस महामारी के दौरान सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग काफी प्रभावित हुआ था। हालांकि सरकार और कई एनजीओ ने इन मजदूरों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया था। आज भी कई लोग ऐसे हैं जो रोजी-रोटी के लिए अपना घर छोड़कर शहरों की ओर पलायन करने करते हैं। जब लॉकडाउन लग जाता है और चारों तरफ कर्फ्यू का माहौल होता है तो इन मजदूरों को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर आइए जानते हैं अपने देश में सरकार की ओर से क्या-क्या योजनाएं चलाई जा रही है।

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मजदूरों को आर्थिक सहायता
संकट की इस घड़ी में सरकार की ओर से समय—समय पर इन मजदूरों के लिए योजनाओं की शुरुआत भी की जाती है। इस क्रम में दिल्ली सरकार ने निर्माण मजदूरों के अकाउंट में 5000 रुपए ट्रांसफर किए। उन सभी मजदूरों और उनके परिवारों को 5 से 10,000 रुपए अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे जो कोरोना संक्रमण हो गए है। दिल्ली सरकार इन सभी की RT-PCR रिपोर्ट की जांच पड़ताल आईसीएमआर (ICMR) पोर्टल पर करेगी।

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आयुष्मान भारत योजना से जोड़े जाएंगे मजदूर
बिहार के मजदूरों के लिए सरकार एक नई योजना लेकर आई है। अब उन्हें बीमार होने की स्थिति में इलाज के पैसों के लिए परेशान नहीं होने की जरूरत नहीं होगी। श्रम संसाधन विभाग में निबंधित श्रमिकों को केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जा रहा है। उनके इलाज पर होने वाला पांच लाख तक का खर्च इस योजना से आच्छादित होगा। एक मई यानी मजदूर दिवस पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका एलान कर सकते हैं।

योगी मजदूर योजना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा कोरोना वायरस को लेकर एक बड़ा ऐलान किया गया है। दिहाड़ी मजदूर (यानी ऐसे मजदूर जो रोज श्रम कर पैसा कमाते हैं और केवल श्रम के बदौलत ही उनका घर चल पाता है) को 1000 रुपए प्रति व्यक्ति देने का निर्णय लिया है। कोरोना वायरस के चलते लोग ज्यादातर घर में ही रह रहे हैं और इन्हें घर में रहने की ही सलाह दी गई है। मुख्यमंत्री का कहना है की उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग में 15 लाख दिहाड़ी मजदूर पंजीकृत हैं इन पंजीकृत मजदूरों को राज्य सरकार द्वारा 1000 -1000 रूपये की धनराशि के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही बड़ी कंपनियों ने भी अपने वर्करो को घरों में रह कर काम करने की इजाजत दे दी है।



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