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दिल्ली में सरकार का मतलब ‘LG’ , गृह मंत्रालय ने लोकसभा में पेश किया बिल, केजरीवाल ने बोला हमला

नई दिल्ली। दिल्ली की सत्ता में अधिकार को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच हमेशा से टकराव देखने को मिलता रहा है। अब एक बार फिर से यह टकराव देखने को मिल सकता है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा में एक बिल पेश किया, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल को अधिक से अधिक शक्तियां देने की बात कही गई है।

इस बिल में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को कुछ भी निर्णय लेने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी लेना जरूरी होगा। बिना उपराज्यपाल की सहमति के बिना दिल्ली सरकार खुद से काई कानून नहीं बना सकती है। इस नए बिल के अनुसार, राजधानी दिल्ली में सरकार का मतलब ‘एलजी’ होगा। विधानसभा से पारित किसी भी कानून को मंजूरी देने की ताकत एलजी के पास होगा।

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इस बिल को लेकर अब दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच फिर से टकराव बढ़ता दिख रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बिल को लेकर केंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। वहीं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस बिल को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

बता दें कि उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच लंबे समय से टकराव देखने को मिलता रहा है। इसी सिलसिले में एक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई 2018 को अपने फैसले में कहा था कि सरकार के दैनिक कामकाज में उपराज्यपाल की ओर से दखल नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि उपराज्यपाल सरकार के काम में सहायता कर सकते हैं और मंत्री परिषद की सलाह पर अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं।

मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस बिल को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'भाजपा आज संसद में नया क़ानून लेकर आई है। इसके मुताबिक दिल्ली में उपराज्यपाल ही सरकार होंगे और मुख्यमंत्री, मंत्री को अपनी हर फ़ाईल LG के पास भेजनी होगी। चुनाव के पहले भाजपा का घोषणापत्र कहता है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाएंगे। चुनाव जीतकर कहते हैं दिल्ली में LG ही सरकार होंगे।'



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