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भारत ने तैयार किया दुनिया का खास M-RNA तकनीक पर आधारित Corona Vaccine, अभी पहले चरण में ह्यूमन ट्रायल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) महामारी को मात देने के लिए भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। दुनिया के खास एम-आरएनए ( Mrna ) तकनीक पर आधारित कोरोना टीका ( Corona Vaccine )देश में तैयार कर लिया गया है। कम कीमत और बेहतर रिजल्ट वाले टीके तो पहले ही तैयार होकर दुनिया में अपना डंका बजा रहे हैं। अब तक इस खास तकनीक पर आधारित टीके ने भारत को आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में और मजबूत किया है।

सबसे कम कीमत पर टीका मिलने के बाद अब एम आरएनए तकनीक को लेकर भी दुनिया का सबसे खास टीका भारत में तैयार हो रहा है।

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ऐसे अलग होगा ये टीका
दरअसल भारत ने लगातार मेडिसीन खास तौर पर कोरोना से जंग में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसी कड़ी में अब एम-आरएनए टीका बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। तापमान से लेकर कीमतों तक में यह टीका बाकी देशों की तुलना में सबसे अलग होगा।

भारतीय वैज्ञानिकों की लंबी खोज और रात-दिन की मेहनत के बाद इस टीका को तैयार किया जा रहा है।

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अब तक दुनिया में इस तकनीक पर दो टीके
आपको बता दें कि अब तक दुनिया में एमआरएनए तकनीक पर दो ही टीके उपलब्ध हैं। इनमें पहला है अमरीकी दवा कंपनी का फाइजर, जिसे -70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना बेहद जरूरी है। इस टीका की प्रति डोज कीमत करीब 1431 रुपए है।

वहीं दूसरा टीका मोर्डना का है, जिसे 2 से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है, लेकिन प्रति डोज इस टीके की कीमत करीब 2715 रुपए हो सकती है।

देखा जाए तो इन टीकों की दो खुराक का इस्तेमाल करने में एक व्यक्ति को कम से कम पांच हजार रुपए खर्च करना होगा।

भारत का टीका होगा सस्ता
इन दो टीकों के मुकाबले भारत में तैयार हो रहा टीका काफी सस्ता होगा। एमआरएनए तकनीक से टीका विकसित किया गया है वह 2 से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में ही सुरक्षित रहेगा और इसकी कीमत भी करीब प्रति डोज 200 से 300 रुपए के आसपास हो सकती है। हालांकि कीमतों को लेकर यह अनुमान है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो उन्हें उम्मीद है कि यह टीका इससे अधिक कीमत पर उपलब्ध नहीं होगा।

इस स्टेज में है टीका
आपको बता दें कि जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और भारत सरकार के डीबीटी मंत्रालय के वैज्ञानिकों ने मिलकर इसे तैयार किया है।

मौजूदा समय में इस टीका पर पहले चरण के तहत ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि इस टीका पर दूसरे चरण का परीक्षण आगामी मार्च माह में होने की उम्मीद है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल के मुताबिक भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत की जरूरतों को समझते हुए एकदम अलग टीका तैयार किया है, जिसे अधिक तापमान पर भी सुरक्षित रखा जा सकता है। यह एक बड़ी कामयाबी है।

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इसलिए खास है एमआरएनए वैक्सीन
एमआरएनए टीका में कोरोना वायरस की आनुवंशिक सामग्री का एक खास हिस्सा होता है। इसे मैसेंजर आरएनए या एमआरएनए कहते हैं। शरीर में दाखिल होने पर यह एमआरएनए हमारी ही कोशिकाओं को वायरस वाला वह प्रोटीन बनाने का निर्देश देने लगता है, जिसकी मदद से असली कोरोना वायरस हमला बोलता है। इसके चलते शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है।



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