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देश में ऊदबिलाव के सफल ब्रीडिंग स्पॉट की बनी पहचान

नई दिल्ली.
यह किसी ने नहीं सोचा था कि वर्ष 2006 में तापी नदी की बाढ़ में बहकर आईं दो मादा ऊदबिलाव सूरत को ऊदबिलाव के ब्रीडिंग स्पॉट के तौर पर देशभर में पहचान देंगी। आज सूरत में देश का इकलौता ऐसा जू है, जहां ऊदबिलाव की ब्रीडिंग हो रही है और अन्य जू को भेजे जा रहे हैं।
सूरत के सरथाणा नेचर पार्क के वेटरनिटी ऑफिसर डॉ. राजेश पटेल ने बताया कि 2006 में बाढ़ में बहकर आईं दो मादा ऊदबिलाव को जू को सौंपा गया था। इसके बाद वन विभाग की ओर से एक नर ऊदबिलाव जू को दिया गया और इसके बाद जू ऊदबिलाव का ब्रीडिंग स्पॉट बन गया। सफलतापूर्वक ब्रीडिंग के कारण अब तक 26 बच्चों का जन्म हो चुका है।

देश के कई जू से आ रही मांग

जू प्रबंधन के मुताबिक, देशभर के जू से ऊदबिलाव की मांग की जा रही है। हाल ही में राजकोट, नई दिल्ली, कानपुर और मैसूर जू की ओर से ऊदबिलाव की मांग की गई है। जो प्राणी सूरत जू में नहीं हैं, उनके बदले में ऊदबिलाव दिए जाएंगे।

दक्षिण गुजरात का वातावरण ब्रीडिंग के लिए सही

सफल ब्रीडिंग के पीछे दक्षिण गुजरात का वातावरण और सरथाणा नेचर पार्क की जगह का ऊदबिलाव के लिए अनुकूल होना है। वहीं जू प्रबंधन की ओर से इसके लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं। यही कुछ वजह है, जिनसे ऊदबिलाव की ब्रीडिंग में सूरत जू को देशभर में पहचान मिली है।

- डॉ. राजेश पटेल, वेटरनिटी ऑफिसर, सरथाना नेचर पार्क

अभी सूरत जू में 18 ऊदबिलाव मौजूद

चार शहरों के जू को ऊदबिलाव देने के बाद अब सूरत जू में 18 ऊदबिलाव हैं। हालांकि ब्रीडिंग के जरिए ऊदबिलाव की सं या बढ़ाई जाएगी और उसके बाद ही जिन शहरों के जू ने मांग की है उन्हें ऊदबिलाव दिए जाएंगे।

अन्य प्राणियों के बदले दे रहे हैं जोड़ी
डॉ. राजेश पटेल ने बताया कि देश में करीब 510 जू हैं, लेकिन सूरत के जू में ही ऊदबिलाव की ब्रीडिंग सफलतापूर्वक हो रही है, जिससे यहां से ऊदबिलाव की जोडिय़ां ए सचेंज स्कीम के तहत अन्य जू को दी जा रही है। कुछ समय पहले रायपुर जू को ऊदबिलाव की जोड़ी देकर यहां से शेर और शेरनी की जोड़ी ली गई थी। इसके अलावा अहमदाबाद, चंडीगढ़ और हैदराबाद के जू को भी ऊदबिलाव की जोडिय़ां दी गई हैं।



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