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अगले दो साल में कृषि कारोबार में करीब तीन लाख करोड़ रुपए की बढ़त का अनुमान

नई दिल्ली.

कोरोना महामारी ने बाजार को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि अब कारोबारी सर्विस सेक्टर को छोड़कर एग्री-बिजनेस की ओर रुख कर रहे हैं। कृषि कारोबार से जुड़ी नई कंपनियों में करीब 53 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। जबकि सर्विस जैसे सेक्टर में चार फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।

हालांकि, इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह कृषि कारोबार में संभावित बढ़त को माना जा रहा है। माना जा रहा है कि 2022 तक देश में कृषि कारोबार 25 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोविड के दौरान भी नई कंपनियों की आमद दर्ज की गई है। हालांकि सबसे ज्यादा कंपनियां एग्री-बिजनेस की ओर रुख कर रही हैं। यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल इससे जुड़ी करीब 53 फीसदी ज्यादा कंपनियां आई हैं। जबकि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में भी बढ़ोतरी देखी गई है, यहां पर 36 फीसदी नई कंपनियां आई हैं। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि कोविड ने भी भारतीय कारोबारियों को निराश नहीं किया है। पिछले साल के मुकाबले इस साल आठ फीसदी ज्यादा कंपनियां रजिस्टर्ड हुई हैं, जो उत्पादन और कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं।

खास-खास बातें
- 8 फीसदी ज्यादा कंपनियां रजिस्टर्ड हुई इस साल नवंबर तक
- 161589 कंपनी व लिमिटेड लाइबेलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) के तहत पंजीकृत
- 15 प्रतिशत 2014-2019 तक कंपनियों के पंजीकरण की औसत ग्रोथ थी
- 5 राज्य महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगना में आईं सबसे ज्यादा कंपनियां
- 27,073 उत्पादन कंपनियों ने 11 महीने में पंजीकरण कराया
- 77 प्रतिशत की सबसे अधिक वृद्धि खाद्य उत्पादों के क्षेत्र में हुई

कोविड में खेती बना मुनाफे का कारोबार

अब कंपनियां कर रही हैं खेती से जुड़े धंधों की ओर रुख। इस साल बाजार में उतरी कुल कंपनियों में 35 फीसदी कृषि क्षेत्र में

सेक्टर प्रतिशत
सर्विस -9.55
मैन्युफैक्चरिंग 36.75
ट्रेडिंग/कारोबारी 12.2
निजी, सामुदायिक
सोशल सर्विस 8.9
कृषि व संबद्ध गतिविधियां 53.60
फाइनेंस -7.55
अन्य -3.16
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देश की जीडीपी में कृषि कारोबार सेक्टर जीडीपी ग्रोथ में हिस्सेदारी रोजगार
कृषि 15.4 53
उत्पादन 23 22
सर्विस 61.5 25
(सर्विस सेक्टर में आईटी भी शामिल, आंकड़े प्रतिशत में)



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