Breaking News

दिल्ली हाईकोर्ट: न्यूनतम सजा का जिक्र न हो तो चार्जशीट 60 दिन के भीतर

नई दिल्ली.

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिस अपराध की सजा के प्रावधान में न्यूनतम अवधि का जिक्र नहीं है, उस तरह के मामलों में 60 दिन के भीतर आरोप पत्र दायर नहीं किए जाने पर आरोपी स्वत: जमानत का हकदार होगा। जस्टिस योगेश खन्ना की पीठ ने चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारियां उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत मंजूर करते हुए यह व्यवस्था दी।

उन्होंने निचली अदालत के निर्णय को पलट दिया। आदेश में कहा, जिस आधिकारिक गोपनीयता कानून के तहत याचिकाकर्ता को अभियुक्त बनाया है, उसके तहत हालांकि सजा को 14 साल तक बढ़ाए जाने का प्रावधान है, पर संबंधित धारा सजा की न्यूनतम अवधि के बारे में कुछ नहीं कहती। ऐसे में चालान की अवधि 60 दिन की होगी।

सात साल बाद नारायण साईं जेल से आया बाहर
बलात्कार के मामले में सात साल से जेल में बंद नारायण साईं को गुजरात हाईकोर्ट ने 14 दिन के लिए अंतरिम जमानत दी है। लाजपोर जेल में बंद साईं को उसकी माता की बीमारी के चलते यह जमानत दी गई। कथावाचक आसाराम के पुत्र साईं ने जहांगीरपुरा आश्रम में 2003-2004 के दौरान साधिका का यौन शोषण किया था। कोर्ट ने गत वर्ष साईं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments