सावधान! हमारी गलतियों से 410 फीसदी तक बढ़ गया Air Pollution , सबसे आगे ये शहर
नई दिल्ली। देश में जैसे-जैसे अनलॉक का चरण बढ़ता गया, वैसे-वैसे वायु प्रदूषण ( Air Pollution ) फिर से बढऩे लगा। हाल ही में जारी ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड का झरिया देश का सबसे प्रदूषित शहर है। जबकि दिल्ली मामूली सुधार के बावजूद सूची में दसवें नंबर पर है। मिजोरम का लुंगलेई सबसे कम प्रदूषित शहर है।
सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि लॉकडाउन के दौरान पूरे देश की हवा में सुधार हुआ था, लेकिन गुरुवार के आंकड़ों से तुलना करें तो देश के प्रमुख शहरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स में 150 से 400 फीसदी तक की बढ़त देखी गई है। जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद खतरनाक है।
अमित शाह बंगाल दौरे पर एक साथ साधेंगे दो निशाने, जानिए कैसे गुजारेंगे अपने दो दिन
पीएम-2.5 भी 88 फीसदी घटा था
कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान मार्च से मई तक के बीच देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु में पीएम 2.5 का स्तर 45-88 प्रतिशत तक कम हो गया था।
वहीं दिल्ली में पीएम 2.5 में 30 फीसदी, अहमदाबाद, पुणे में 15 फीसदी, मुंबई में 38 फीसदी और अहमदाबाद में 50 फीसदी कम हुआ था। पीएम धूल, गर्दा व धातु के सूक्ष्म कण होते हैं, जो कंस्ट्रक्शन, कूड़ा व पराली जलाने से ज्यादा बढ़ते हैं। हालांकि इसके पीछे की वजह 80 फीसदी निजी वाहनों का कम प्रयोग भी था।
वायु गुणवत्ता: तब और अब |
शहर | लॉकडाउन में | 17 दिसंबर—2020 | बढ़ोत्तरी प्रतिशत में |
गाजियाबाद | 115 | 250 | 217 |
दिल्ली | 100 | 233 | 233 |
गुडग़ांव | 96 | 227 | 236 |
नोएडा | 95 | 235 | 247 |
कोलकाता | 78 | 307 | 389 |
मुम्बई | 72 | 285 | 395 |
हैदराबाद | 65 | 129 | 198 |
बेंग्लुरु |
57 | 70 | 122 |
भोपाल |
55 | 209 | 380 |
चंडीगढ़ | 39 | 160 | 410 |
नोट : लॉकडाउन के आंकड़े 25 मार्च से 25 अप्रेल के बीच के हैं। सभी आंकड़े एक्यूआई से।
यूं समझिए वायु गुणवत्ता मानक
0-50 : अच्छा
51-100 : संतोषजनक
101-200 : सुधार की जरूरत
201-300 : खराब
301-400 : बहुत खराब
401-500 : चिंताजनक
राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ पर भी असर
राजस्थान : प्रदेश के 17 शहरों में से श्रीगंगानगर चिंताजनक, भरतपुर खराब, पांच सुधार के योग्य और नौ शहर संतोषजनक व एक शहर बेहतर एयर क्वालिटी इंडेक्स में है।
105अजमेर 103जोधपुर 103बीकानेर 86अलवर 157श्रीगंगानगर 343उदयपुर 50
शहर | वायु गुणवत्ता |
जयपुर | 79 |
जैसलमेर | 105 |
अजमेर | 103 |
जोधपुर | 103 |
बीकानेर | 86 |
अलवर | 157 |
श्रीगंगानगर | 343 |
उदयपुर | 50 |
मध्यप्रदेश : प्रदेश के 16 शहरों में 9 में सुधार की जरूरत है, जबकि सात शहरों में खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स हैं।
भोपाल |
209 |
इंदौर |
235 |
ग्वालियर |
264 |
उज्जैन |
238 |
जबलपुर |
218 |
खजुराहो |
103 |
रतलाम | 185 |
छत्तीसगढ़
रायपुर | 143 |
भिलाई |
143 |
दुर्ग |
143 |
बिलासपुर |
142 |
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) बेंगलुरु के वायुमंडलीय और महासागरीय विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर एस. के. सतीश ने कहा कि मुख्य रूप से प्रदूषण वाहनों, उद्योगों, फसल, अवशेष व अपशिष्ट जलाने से होता है। शहरों में निजी वाहन प्रमुख वजहों में से एक हैं। लॉकडाउन के दौरान सड़क पर वाहनों की संख्या में बड़ी कमी आई, जिसकी वजह से शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण में कमी आई है। इस वजह से स्वच्छ हवा, स्वच्छ पानी, शोर में कमी से लुप्तप्राय जीव भी देखने को मिलने लगे थे।
ये हैं कारण
- कारखानों व फैक्ट्रयों की चिमनियां बंद थीं
- वर्कफ्रॉम होम होने से एसी आदि नहीं चले
- दो पहिया व चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध
ये कदम उठाएं
- सार्वजनिक, वाहनों का ज्यादातर प्रयोग करें।
- शेयरिंग करें, बहुत जरूरी हो तो कार निकालें
- पराली को जलाएं नहीं, सड़ाकर खाद बनाएं
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...
No comments