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बैंक की छुट्टी की टेंशन खत्म, अब सातों दिन 24 घंटे करें RTGS

नई दिल्ली.

अब बैंक की छुट्टी का तनाव नहीं होगा। घर बैठे रीयल टाइम पैसे का लेन-देन किसी भी खाते में हो सकेगा। 14 दिसंबर से आप 24 घंटे और सातों दिन आरटीजीएस रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम के जरिए पैसे का लेन-देन कर सकेंगे।
आरबीआई ने रविवार को इसकी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पूरे देश की बैंकों में एक साथ यह सुविधा शुरू हो गई है। इसके साथ ही भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहां यह सुविधा दिन रात काम करती है। अभी हर रोज देश के भीतर करीब सवा चार लाख करोड़ रुपए का लेन—देन आरटीजीएस के जरिए ही होता है।

दरअसल, पिछले दिनों आरबीआई गर्वनर शशिकांत दास ने आरटीजीएस को 24 घंटे सातों दिन करने की घोषणा की थी। रविवार को आरबीआई की ओर से इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। अब 14 दिसंबर से देश के सभी बैंकों में 24 घंटे पैसे का आदान—प्रदान किया जा सकेगा। आरटीजीएस की शुरुआत 26 मार्च 2004 को हुई थी और उस समय केवल चार बैंक ही इससे जुड़े हुए थे। नवंबर में आरटीजीएस से औसत 579 अरब रुपये का लेनदेन हुआ। अभी तक दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर महीने के सभी वर्किंग डे पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक ही इससे लेनदने किया जा सकता था।

मोबाइल से भी आरटीजीएस
आरटीजीएस, एनईएफटी या आईएमपीएस जैसी सुविधाओं के लिए सिर्फ इंटरनेट जरूरी है। यह आपके मोबाइल से भी किया जा सकता है। आपको अपने बैंक का एप डाउनलोड करना है और मोबाइल पिन जनरेट कर इसका उपयोग शुरू करें। एप में फंड ट्रांसफर के जरिए आप किसी भी खातेधारक के अकाउंट में पैसा भेज सकते हैं। फिर वह खाता किसी भी बैंक में हो।

आरटीजीएस के फायदे
आरटीजीएस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप दो लाख रुपये या उससे ज्यादा का पेमेंट बिना कैश कर सकते हैं। आरटीजीएस के तहत आप कैश ट्रांसफर, हेजिंग पेमेंट, लोन पेमेंट, सिक्योरिटीज पेमेंट, सप्लायर पेमेंट, टैक्स पेमेंट, बिजनेस से जुड़े दूसरे पेमेंट, वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) पेमेंट, सर्विस टैक्स पेमेंट का काम आसानी से और बहुत कम समय में कर सकते हैं।

आरटीजीएस और एनईएफटी में फर्क
आरटीजीएस में पैसे का ट्रांसफर तत्काल होता है, जबकि एनईएफटी में धनराशि दूसरे खाते में जाने में एक वक्त लगता है और यह सिर्फ वर्किंग डे में ही काम करता है।

- कोरोना काल में ऑनलाइन लेन—देन में तेजी आई है, जिसके बाद आरबीआई ने आरटीजीएस की सुविधा चौबीस घंटे सातों दिन उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
शशिकांत दास, गर्वनर, भारतीय रिजर्व बैंक

ऐसे बढ़ा आरटीजीएस का लेनदेन
सितंबर 2004 — 4 लाख लेनदेन
सितंबर 2016 — 84 लाख लेनदेन
सितंबर 2017 — 96 लाख लेनदेन
सितंबर 2018 — 1 करोड़ लेनदेन
सितंबर 2019 — 1.1 करोड़ लेनदेन
सितंबर 2020 — 1.3 करोड़ लेनदेन



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