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Love Jihad: क्यों BJP शासित चार राज्य बनाने जा रहे कानून, कुछ चर्चित मामलों के बीच जानें केंद्र की मंशा

नई दिल्ली। लव जिहाद ( Love Jihad ) का मामला इन दिनों काफी सुर्खियां बंटोर रहा है। अब कर्नाटक सरकार भी लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी कर रही है। दरअसल कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार अकेली नहीं है बल्कि बीजेपी शासित अन्य तीन राज्य भी लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्यप्रदेश शामिल हैं।

दरअसल यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के लव जिहाद के खिलाफ कड़ा कानून बनाने वाले बयान के बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ा और एक के बाद एक तीन अन्य राज्य भी इस मुहिम का हिस्सा बन चुके हैं। यानी देश में अब तक कुल चार राज्य और चारों ही बीजेपी शासित राज्यों में अब लव जिहाद के लिए कोई जगह नहीं है।

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आईए जानते हैं कि लव जिहाद कैसे शुरू हुआ, कौन से ऐसे मामले थे जिन्होंने सुर्खियां बंटोरी और केंद्र सरकार का क्या रुख है।

इसलिए लाना चाहते लव जिहाद के खिलाफ कानून
बीजेपी शासित चारों राज्यों के लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने के पीछे जो मकसद है लव जिहाद के नाम पर धर्म परिवर्तन पर रोक लगाना है। महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करने वाले 'जिहादियों' के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है।

ऐसे शुरू हुआ लव जिहाद
वैसे तो लव जिहाद के मामले 21वीं शताब्दी की शुरुआत से ही सामने आने लगे, लेकिन कुछ इतिहासकार इसे आजादी के पहले का बताते हैं। लेकिन 2000 के बाद लव जिहाद ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया। वर्ष 2009 में रिटायर्ड जस्टिस केटी शंकरन ने माना था कि केरल और मैंगलोर में जबरन धर्म परिवर्तन के कुछ संकेत मिले थे। कोर्ट ने कहा था कि प्रेम के नाम पर किसी को धोखे या उसकी मर्जी के बगैर धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।

इसे कहते हैं लव जिहाद
'लव जिहाद' वैसे मामलों को कहा जाता है जहां पहचान छिपाकर लड़की को धोखा दिया गया हो।

इन मामलों ने बंटोरी सुर्खियां
वैसे तो 1927 से लव जिहाद के केस सामने आने लगे थे जब 1927 में प्रतापगढ़ की एक हिंदू महिला ने मुसलमान संग भागकर शादी कर ली। वहीं 1927 में झांसी में एक मुस्लिम के वेश्‍या को रखने पर बवाल हो गया था जो मूल रूप से हिंदू थी मगर बाद में इस्‍लाम कबूल किया।

लेकिन इन सबके बीच 2009 से इन मामलों ने खूब तूल पकड़ा। 2009 में एक केस चर्चा में आया था जब एक लड़की को इस्लाम में कन्वर्ट किए जाने के आरोप लगे थे। नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट और कैंपस फ्रंट जैसे कुछ समूह कई शहरों में खास तौर से कॉलेजों में योजनाबद्ध तरीके से हिंदू और ईसाई लड़कियों को प्रेम का झांसा देकर इस्लाम धर्म कबूल करवाते थे।

वहीं 2014 का मेरठ के कलीम और शालू त्यागी का केस भी काफी चर्चा में रहा। इसके अलावा शूटर तारा शाहदेव ने भी लव जिहाद को लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी। उन्होंने कहा था कि उनके ससुराल ने उन्हें जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाने के लिए प्रताड़िता किया था।

वहीं हादिया केस ने भी देशभर में जमकर सुर्खियां बंटोरी। इस केस के तार तो सीरिया के आतंकी संगठन तक से जा मिले थे।

ताजा घटना हरियाणा के बल्लभगढ़ में निकिता की हत्या की है। तौसिफ नाम का शख्स निकिता पर जबरदस्ती शादी के लिए दबाव बना रहा था, नहीं मानने पर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

ये है केंद्र का कहना
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर अपने बयान में ये इशारा कर चुके हैं कि केंद्र सरकार भी लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी कर रही है। हालांकि केंद्र की ओर से अभी स्थिति साफ नहीं है।

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वहीं बंगाल दौरे पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि राज्य के विधान मंडल अपने राज्य के कानून बनाने के लिए स्वतंत्र हैं। सार्वभौम भी हैं। लव जिहाद को लेकर जो राज्य कानून बनाते हैं, उन्हें संविधान के दायरे में रहकर बनाना चाहिए। मुझे लगता है कानून को लेकर और भी राज्य सामने आ सकते हैं।



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