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पहली बार: भारतीय सेना में 422 महिला अधिकारियों का स्थायी कमीशन के लिए चयन

नई दिल्ली।

भारतीय सेना में 422 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए चुन लिया गया है। ये सभी महिला अधिकारी उन 615 प्रस्तावित महिला अभ्यर्थियों में शामिल थीं, जिन्हें स्थायी कमीशन में शामिल करने के लिए चुना जाना था। इनमें 193 स्थायी कमीशन सर्विस के लिए फिट नहीं मिलीं। इसी के साथ, लगभग 49 प्रतिशत महिला अधिकारी सेवा में बरकरार रहेंगी। इनमें 320 महिला अधिकारी 20 साल की सेवा के बाद रिटायर होंगी। इन्हें पेंशन भी मिलेगी।

सेना के विशेष चयन बोर्ड ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में 5 सदस्यीय चयन बोर्ड का गठन किया गया था। चयन प्रक्रिया से जुड़ी पूरी कार्यवाही गत 14 से 25 सितंबर के बीच आयोजित हुई। इससे पहले, गत फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया था। इसमें, सेना को शॉर्ट सर्विस कमीशन में पदस्थ सभी योग्य महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन में शामिल करने का निर्देश दिया गया था। इस 5 सदस्यीय बोर्ड में आर्मी मेडिकल कोर की एक महिला ब्रिगेडियर भी शामिल थीं।

बता दें कि हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी थी। इस आदेश के तहत, शार्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के सभी दस हिस्सों में स्थायी कमीशन की अनुमति दी गई है।

जो फिट मिली, वे जाना ही नहीं चाहती थीं
चयन बोर्ड की ओर से जारी किए गए परिणाम के मुताबिक, 57 महिला अधिकारी जिन्हें स्थायी कमीशन के लिए फिट पाया गया, उन्होंने इसे लेने का विकल्प नहीं चुना। वहीं, 68 महिला अधिकारी जिन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया, उन्हें अब पेंशन के साथ सेवा मुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, 106 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए अनुशंसित नहीं किया गया। ये पेंशन अर्जित कर सकें, इसके लिए इन्हें 20 साल तक सेवा की अनुमति दी जाएगी और तब सेवा मुक्त किया जाएगा।

42 की उम्मीदवारी स्थगित, 46 के परिणाम रोके गए
विशेष चयन बोर्ड के मुताबिक, कुल 42 अधिकारियों ने अपनी उम्मीदवारी स्थगित कर दी, क्योंकि वे अस्थायी तौर पर कुछ चिकित्सीय वजहों से इसमें फिट नहीं मिलीं। हालांकि, उन्हें इसके लिए समय दिया गया है। वहीं, जरूरी और अनिवार्य चिकित्सा दस्तावेज नहीं मिलने की वजह से 6 अधिकारियों का परिणाम रोक दिया गया। इसके अलावा, 40 अन्य अधिकारियों का परिणाम प्रशासनिक आधार पर विभिन्न वजहों से रोका गया है। यही नहीं, कुछ महिला अधिकारी ऐसी भी हैं, जिन्हें फिलहाल स्थायी कमीशन नहीं दिया गया है, मगर उन्हें शार्ट सर्विस कमीशन के तहत सेवा शर्तों को पूरा करने के बाद आने वाले कुछ समय में स्थायी कमीशन में शामिल किया जा सकता है।

ज्यादातर महिला अधिकारी इंजीनियरिंग शाखा से चयनित
जिन महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए चुना गया है, उनमें इंजीनियर्स, सिग्नल, इंटेलिजेंस कॉर्प्स, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स एंड कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसी शाखाओं से संबंधित हैं।

हाई रैंक प्रमोशन की मिली योग्यता, मगर कई बातें अब भी स्पष्ट नहीं
सेना में करीब 43,000 अधिकारी कार्यरत हैं। इनमें लगभग 1,653 महिला अधिकारी हैं। इन शाखाओं में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिए जाने के साथ, वे अब हाई रैंक तक प्रमोशन के लिए पात्र हो गई हैं। हालांकि, अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उन्हें इकाइयों और रेजिमेंटों की कमान दी जाएगी या नहीं। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि जितने उम्र और सेवा में वरिष्ठ हैं, वे आवश्यक पाठ्यक्रम नहीं कर पाए हैं, क्योंकि यह पाठ्यक्रम शार्ट सर्विस कमीशन से जुड़े अधिकारियों के लिए नहीं थे।

28 साल से संघर्ष, कोर्ट ने भी साथ दिया

  • - 1992 में महिला अधिकारियों की सेना में इंट्री चुनिंदा गैर-लड़ाकू शाखाओं में शुरू हुई।
  • - 2008 में तत्कालीन सरकार ने जज एडवोकेट जनरल की शाखा और सेना शिक्षा कोर में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया।
  • - 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी शाखाओं में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान किया, जिसमें वे उस समय सेवा दे रही थीं। हालांकि, सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने भी गत फरवरी में हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
  • - 2019 में (मार्च) वर्तमान सरकार ने महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन का विस्तार किया, लेकिन प्रस्ताव को विस्तृत स्वरूप में लागू नहीं किया गया।


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